अहं ब्रह्मास्मि वाक्य
उच्चारण: [ ahen berhemaasemi ]
उदाहरण वाक्य
- अहं ब्रह्मास्मि … तो दुनियाँ में जो कुछ भी है वह ब्रह्म का ही रचित है।
- अहं ब्रह्मास्मि जिन्होंने कहा था, उनका इरादा था कि बूंद नहीं है, सागर है।
- अहं ब्रह्मास्मि ” जो है वह क्या है कि उपासनाका ही अंग यह वाक्य ही है ।
- अहं ब्रह्मास्मि पढ़ना चाहिये लेखक आवेश जी को. बाकी हिन्दू को गरियाना तो फैशन में.
- जीव और ब्रह्म का भेद मिट जाता है और साधक ‘ अहं ब्रह्मास्मि ' का उद्घोष करता है।
- इस मठ का महावाक्य ' अहं ब्रह्मास्मि ' है तथा मठ के अन्तर्गत ' यजुर्वेद ' को रखा गया है।
- उनकी तीसरी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वे उपनिषदों के ‘ अहं ब्रह्मास्मि ' पर पूरा पूरा विश्वास करते हैं।
- असल भक्ति तो अद्वैत भावना, ' अहं ब्रह्मास्मि '-मैं ही ब्रह्म हूँ-यह ज्ञान ही है।
- अहं ब्रह्मास्मि ', लेकिन उन लोगों ने कहा है, जो सौ में कभी एक ही बार घटित होते हैं।
- माना कि इन पथरीली राहों पर चलना आसान नहीं पर अब ख़ुद को अहं ब्रह्मास्मि मानकर आगे कदम बढाना ही होगा।