आँखों आँखों में वाक्य
उच्चारण: [ aanekhon aanekhon men ]
उदाहरण वाक्य
- एक समय के बाद ट्रेन बस में अधेड़ प्रेमी कि मुलाक़ात रजोनिवृति के करीब पहुंची विवाहित हो चुकी प्रेमिका से होती थी, बस आँखों आँखों में देख कर मानो प्रेम अध्याय का उपसंहार कर दिया जाता था.
- पटरी से पर्वत तक पर्वत से मंदिर में अष्टभुजा घाटी से संतों की कुटिया तक सीढ़ी पर खुदे हुए नामों से मन के मिटे हुए नामों तक धुआँ धुआँ आँखों आँखों में हर एक पल रतनारा घूमा मेरी तरहा।
- फिर वही रातरानी है महकी हुई खुशबुएँ और मस्ती, बिखरती हुई कहीं लहरों पे संगीत बजता हुआ चांद का एक जादू सा सजता हुआ आँखों आँखों में ही हो रही बात है प्यार की ये अनोखी ही सौगात है ।
- फिर वही रातरानी है महकी हुई खुशबुएँ और मस्ती, बिखरती हुई कहीं लहरों पे संगीत बजता हुआ चांद का एक जादू सा सजता हुआ आँखों आँखों में ही हो रही बात है प्यार की ये अनोखी ही सौगात है ।
- खून पसीने से सींचा पालापोसा बड़ा किया जाने कितनी रातें आँखों आँखों में काटीं पर उसे कष्ट न होने दिया पढ़ाया लिखाया सक्षम बनाया जो हो सकता था किया पर रही पालने में कही कमीं बेटी बेटी न रही कितनी सृजन पथ (
- शर्मिली, आँखों आँखों में, जीवन मृत्यु फिल्म के रोमांटिक युगल गीत, बेमिसाल और ब्लैक मेल फिल्म से यह गीत सुनवाया-पल पल दिल के पास तुम रहती होइनमे से रात में केवल आँखों आँखों में फिल्म का गीत सुनवाया जिससे कार्यक्रम की शुरूवात की।
- दिल ने सुनकर, नज़रें उठा कर देखा, खुशियाँ भर कर आँखों में भरोसे की बातों पर सोचा, धीरे से मुस्कराया और थाम हाथ भरोसे का आँखों आँखों में विश्वास दर्शाया | सोचा एक मौका तो देना बनता है | पकड़ हाथ भरोसे का दिल जीवन की सीढ़ी चढ़ता है |
- कहते कहते बात निकली, करहा के हमसे आह निकली | बंद ताले जब खोले हमने, गुजरी हुई हर साँस निकली | देखते देखते सहर हो गयी, आँखों आँखों में रात निकली | बंदगी की बाज़ी जीत तो गया, इसमें खुदी की मात निकली | कहाँ है तू मेरी हमनफस, कहने को तो तू
- उसके बाद ' आया सावन झूम के ', ' आँखों आँखों में ', ' आप की क़सम ', ' अपनापन ', ' आशा ', ' अर्पण ', ' आख़िर क्यों? ', ' आप के साथ ', ' अग्नि ', और ' अफ़साना दिलवालों का ' जैसी फ़िल्में उन्होने बनाई।
- फिर तो आए दिन का काम हो चला था | कहीं भी कैरम या ताश लगा लेते, तो कभी भाभी से ज़िद करके शतरंज की बिसात ही बिछ जाती-भाभी और जयन्त दोनों ही शतरंज में माहिर थे | भाभी जब सामने नहीं होतीं तो नाश्ता पानी करते करते आँखों आँखों में सरोज और जयन्त का प्रेमालाप चलता रहता …