आज भी खरे हैं तालाब वाक्य
उच्चारण: [ aaj bhi kher hain taalaab ]
उदाहरण वाक्य
- जल संरक्षण के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाले अनुपम मिश्र की 1993 में छपी किताब ' आज भी खरे हैं तालाब ' कम असाधारण नहीं है।
- व्याख्यान के बाद अरविन्द मोहन के हाथों कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को अनुपम मिश्र की मशहूर पुस्तक ‘ आज भी खरे हैं तालाब ' भेंट की गई.
- उन्हें लगता है कि उनके बारे में लिखने से अच्छा है उनकी किताब “ आज भी खरे हैं तालाब ” के बारे में दो शब्द लिखे जाएं.
- हालाँकि यह संगठन कुछ खास नहीं कर पाया, तभी उन्होंने गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित पर्यावरण विद् अनुपम मिश्र की पुस्तक ‘ आज भी खरे हैं तालाब ' पढ़ी।
- अनुपम मिश्र की जिस “ आज भी खरे हैं तालाब ” किताब का जिक्र मैं ऊपर कर आया हूं उसने पानी के मुद्दे पर बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन किये हैं.
- ' आज भी खरे हैं तालाब ' करीब दो दशक पूर्व पर्यावरण कक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित की गई ऐसी पुस्तक थी जिस पर कोई कॉपीराइट नहीं है।
- पानी और पर्यावरण पर काम करने के पर्याय बन चुके अनुपम मिश्र अपनी किताब आज भी खरे हैं तालाब की तरह व्यक्तित्व और संपादन के लिए पूरी तरह से खरे हैं.
- एक बार नानाजी देशमुख ने उनसे कहा कि आज भी खरे हैं तालाब के बाद कोई और किताब लिख रहे हैं क्या? अनुपम जी सहजता से उत्तर दिया-जरूरत नहीं है.
- तालाबों के बारे में पर्यावरणविद अनुपम मिश्र अपनी पुस् तक आज भी खरे हैं तालाब में कहते हैं, ये सैकड़ों, हजारों तालाब अचानक शून् य से प्रकट नहीं हुए थे।
- -गोपालदास नीरज आज भी खरे हैं तालाब जल संरक्षण के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाले अनुपम मिश्र की 1993 में छपी किताब ' आज भी खरे हैं तालाब' कम असाधारण नहीं है.