उत्तर कांड वाक्य
उच्चारण: [ utetr kaaned ]
उदाहरण वाक्य
- वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में उल्लेख है कि लंका विजय के बाद जब राम, सीता को वापस लेकर अयोध्या आते हैं, तब कहते हैं कि सुनो, मैंने तुम्हें प्रेमवश नहीं अपितु अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए रावण से छुड़ाया है।
- वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में उल्लेख है कि लंका विजय के बाद जब राम, सीता को वापस लेकर अयोध्या आते हैं, तब कहते हैं कि सुनो, मैंने तुम्हें प्रेमवश नहीं अपितु अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए रावण से छुड़ाया है।
- तुलसी के दोहों में पढ़ा था “तुलसी संत सुअम्ब तरु फूलि फरहि पर हेत जितते ये पाहन हनै उतते वे फल देत” अब के माहौल में क्या कहा जाय वैसे इनके धन धान्य से परिपूर्ण होने के बारे में रामचरित मानस के उत्तर कांड में शायद उल्लेख है.
- अतह यहाँ पर तुलसी दास जी ने सागर के कथन कों ही लिखा है इस तरह यह विचार तुलसी दास का नहीं है निशा जी राम चरित मानश में तमाम लोगो का जिक्र हुवा है उनके संवाद है विचार है रावण की अपनी सोच थी विभीषण का रास्ता धर्म का था उत्तर कांड दोहा no ९ ८ अशुभ भेष भूषन धरे, भच्छा भच्छ जे खाहि, तेई जोगी तेई सिद्ध नर पूज्य ते कलजुग माहि.
- एक हैं बंग देश में मिलने वाली प्रति जिसके अन्दर बाल, अयोध्या, अरण्यक, किष्किन्धा, सुंदर और युद्ध ६ कांड हैं और कूल सर्ग ५५ ७ और श्लोक संख्या १ ९ ७ ९ ३ हैं जबकि दूसरी प्रति बम्बई प्रान्त से मिलती हैं जिसमें बाल, अयोध्या, अरण्यक, किष्किन्धा, सुंदर और युद्ध इन ६ कांड के अलावा एक और उत्तर कांड हैं, कूल सर्ग ६ ५ ० और श्लोक संख्या २२ ४ ५ २ ८ हैं।