उपपुराण वाक्य
उच्चारण: [ upepuraan ]
उदाहरण वाक्य
- यह ऋग्वेद के प्रथम मंडल के प्रथम सूक्त में ही स्पष्ट कर दिया गया है और इसके स्पष्टीकरण के लिए चरों वेद, अठारह पुराण, ब्राह्मण, उपनिषद, उपपुराण, रामायण, महाभारत इत्यादि ग्रंथों कि रचना कि गई, फिर भी या तो प्रश्न उलझता ही गया अथवा उसे जानबूझ कर राक्षसी उद्देश्यों कि प्राप्ति के लिए उलझा दिया गया | वैसे भी स्थूल बुद्धि, सूक्ष्म चीजों को कैसे ग्रहण कर सकती है?
- में सांख्य को निरीश्वर ही कहा गया है तथा पराशर उपपुराण के कुछ श्लोकों के आधार पर भी सांख्य को अन्य शास्त्रों के साथ कुछ अंशों में श्रुति विरोधी और सेश्वर ब्रह्म मीमांसा शास्त्र को सर्वांश में श्रुतिसम्मत कहने से सांख्य के अनीश्वरवाद का आभास मिल जाता है तथापि कुर्म आदि पुराणों तथा पराशर आदि उप पुराण का समय बहुत बाद का होने के कारण ये कथन बौद्ध दर्शन से प्रभावित सांख्य के विषय में किये गए प्रतीत होते हैं |