उमाशंकर दीक्षित वाक्य
उच्चारण: [ umaashenker dikesit ]
उदाहरण वाक्य
- कांग्रेस (सोनिया) ने तो एक खाना बनाने वाली नौकरानी को “रास्ट्रपति”बना दिया. उमाशंकर दीक्षित जो शीला दीक्षित के ससुर थे, मोतीलाल नेहरू के रसोईये हुआ करते थे, को इंदिरा गाँधी ने केन्द्रिय मंत्री और राज्यपाल बना दिया था.
- जब सांसद संदीप दीक्षित (दिल्ली की मुख्य मंत्री के पुत्र) 10 वर्ष के थे अपने बाबाजी उमाशंकर दीक्षित के साथ उसी रेल से यात्रा कर रहे थे जिसमे उनके पिता विनोद दीक्षित सरकारी यात्रा पर थे।
- डॉ ․ उमाशंकर दीक्षित की कहानी ‘ वैधव् य नहीं बिकेगा ' इस संकलन की कहानियों में अपनी विशिष्टता रखती है जिसमें दहेज के दबाव को नकार कर एक उच् चादर्श का व् यावहारिक उदाहरण प्रस् तुत किया गया है।
- आठ महीने बाद यानि 30 जनवरी 1923 को जिस दिन पंडित जवाहर लाल नहेरू लखनऊ जिला जेल से रिहा किये गये, उस दिन उनके साथ बाबू पुरूषोत्तम दास टंडन, शांति स्वरूप, केशवदेव मालवीय और उमाशंकर दीक्षित भी रिहा हुए।
- उमाशंकर दीक्षित जी की मृत्यु के बाद से शीला दीक्षित ज्यादा सक्रिय हो गईं और अब तीसरी बार दिल्ली की मुख्यमंत्री है एवं कामन वेल्थ खेलों मे उन पर कीचड़ उछला है जिसे उनके सांसद पुत्र संदीप ने अन्ना-आंदोलन मे मध्यस्थता करके अन्ना-जल से धो डाला है।
- इस अवसर पर प्रेमदत्त मिश्र, उदय शंकर दुबे, रामगोपाल गुप्त, परमानंद गुप्त, डा. उमाशंकर दीक्षित, रवि शर्मा, डा. वसंत यामदग्नि, मधुमंगल शुक्ला, डा. सिद्धनाथ झा, डा. हरिमोहन मालवीय, प्रहृलाददास अग्रवाल, शरद आदि उपस्थित थे।
- ब्रज संस्कृति शोध संस्थान में ब्रज लोक श्री श्रंखला के अंतर्गत डा 0 हर्ष नन्दिनी भाटिया स्मृति व्याख्यान के अवसर पर सोमवार को वरिष्ठ कथा शिल्पी एवं सूकर क्षेत्र शोध संस्थान कासगंज के सहनिदेशक डा 0 उमाशंकर दीक्षित ने कहा कि लोक चित्राकंन में आनुष्ठानिक उद्देश्यों और चिंतन के व्यापक अर्थ निहित रहते हैं।
- 1-एक नई शुरूआत-डॉ0 सरला अग्रवाल 2-बबली तुम कहाँ हो-डॉ0 अलका पाठक 3-वैधव्य नहीं बिकेगा-पं0 उमाशंकर दीक्षित 4-बरखा की विदाई-डॉ0 कमल कपूर 5-सांसों का तार-डॉ0 उषा यादव 6-अंतहीन घाटियों से दूर-डॉ0 सतीश दुबे 7-आप ऐसे नहीं हो-श्रीमती मालती बसंत 8-बिना दुल्हन लौटी बारात-श्री सन्तोष कुमार सिंह 9-शुभकामनाओं का महल-डॉ0 उर्मिकृष्ण 10-भैयाजी का आदर्श-श्री महेश सक्सेना 11-निरर
- 1-एक नई शुरूआत-डॉ0 सरला अग्रवाल 2-बबली तुम कहाँ हो-डॉ0 अलका पाठक 3-वैधव्य नहीं बिकेगा-पं0 उमाशंकर दीक्षित 4-बरखा की विदाई-डॉ0 कमल कपूर 5-सांसों का तार-डॉ0 उषा यादव 6-अंतहीन घाटियों से दूर-डॉ0 सतीश दुबे 7-आप ऐसे नहीं हो-श्रीमती मालती बसंत 8-बिना दुल्हन लौटी बारात-श्री सन्तोष कुमार सिंह 9-शुभकामनाओं का महल-डॉ0 उर्मिकृष्ण 10-भैयाजी का आदर्श-श्री महेश सक्सेना 11-निरर्थक-