उस्ताद बिस्मिल्लाह खां वाक्य
उच्चारण: [ usetaad bisemilelaah khaan ]
उदाहरण वाक्य
- अभी अभी कुछ ही समय पुर्व शहनाई वादक महान उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहेब के बारे में एक निजी चेनल ढ़्रारा बताया गया था, की वे केसे अपनी जिन्दगी की गाडी चला रहे थे …..
- भारत रत्न शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां किसी परिचय के मोहताज नहीं. विश्व के कोने-कोने में अपने शहनाई से सबको मुरीद बनाने वाले उस्ताद आज अपने पैतृक राज्य में हीं गलत नाम से नवाजे गए हैं.
- भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कुछ हैं।
- डुमरांव से जैसे नाता ही टूट गया उसके बाद मेरे दिल में आया की इनकी स्मृतियों को इकट्ठा किया जाए, जिसे मैंने “ शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ” पर पुस्तक लिखकर संजोने की कोशिश की है.
- भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कुछ हैं।
- शहनाई के शहंशाह भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के मकबरे के रूप में अपने जेहन में आलीशान इमारत का खाका खींच चुके एक युवा शिल्पकार के ‘सपनों का महल ' मकबरे के लिए कम धन दिए जाने के चलते मूर्तरूप नहीं ले सकेगा।
- शहनाई की बात पर हमेशा उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब का नाम लिया गया लेकिन फिर भी मंदिर में बैठकर शहनाई बजाने वाले और गंगा के प्रवाह से जुगलबंदी करने वाले इस मुसलमान की बारी अपने समकालीन कलाकारों के मुकाबले सबसे बाद में आई।
- शहनाई की बात पर हमेशा उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब का नाम लिया गया लेकिन फिर भी मंदिर में बैठकर शहनाई बजाने वाले और गंगा के प्रवाह से जुगलबंदी करने वाले इस मुसलमान की बारी अपने समकालीन कलाकारों के मुकाबले सबसे बाद में आई।
- 15 नवंबर 2009 को बिहार सचिवालय के संवाद भवन में शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर लिखी गई पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उस्ताद के जनम दिन को राजकीय समारोह के रुप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
- बड़े आश्चर्य की बात है कि शहनाई जैसे साज़ पर अपना एकछत्र नियंत्रण रखने वाले उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को तो उनकी अभूतपूर्व शहनाईवादन जैसी कला के लिए सरकार भारत रत्न से नवाज़ती है तो कठमुल्लों को वही संगीत इस्लाम विरोधी या नाजायज़ दिखाई देता है।