ऋग्वेद संहिता वाक्य
उच्चारण: [ rigaved senhitaa ]
उदाहरण वाक्य
- (3) नराशंस को परोक्ष का ज्ञान दिया जाएगा (ऋग्वेद संहिता 1 / 3 / 2) मुहम्मद सल्ल 0 ने परोक्ष से सम्बन्धित विभिन्न बातें बताईं जो सत्य सिद्ध हुईं।
- (ऋग्वेद संहिता 1/106/4) हमने पिछले पन्नों में सिद्ध किया है कि मुहम्मद सल्ल0 जिस समाज में पैदा हुए वह समाज हर प्रकार के पापों में ग्रस्त था परन्तु आपने उनके आचरण की सुधार की।
- यद्यपि ऋग्वेद संहिता में इन्द्र आदि देवताओं के स्तुति संबंधी सूक्त हैं, तथापि मीमांसक-गण कहते हैं कि सब श्रुति ग्रंथ यज्ञ आदि कर्मों के ही प्रतिपादक हैं क्योंकि उनका विनियोग यज्ञ के ही समय में किया जाता है।
- यही कारण है कि ऋग्वेद संहिता के सायण भाष्य जैसे महान् ग्रंथ में कदाचित् एक बार भी ऋग्वेदप्रातिशाख्य का उल्लेख नहीं है, और कई स्थानों पर अनेक पदों की संधि बलात् पाणिनिसूत्र से सिद्ध करने का यत्न किया गया है।
- (5) नराशंस लोगों को पापों से निकालेगा (ऋग्वेद संहिता 1 / 106 / 4) हमने पिछले पन्नों में सिद्ध किया है कि मुहम्मद सल्ल 0 जिस समाज में पैदा हुए वह समाज हर प्रकार के पापों में ग्रस्त था परन्तु आपने उनके आचरण की सुधार की।
- (ऋग्वेद संहिता भाग १ शुक्त ७ ९ श्लोक ८ ७ २) वैदिक काल में शादी के कुल ८ विधान थे पर उसमे से कुछ ही प्रचलित थे जैसे १-कन्या विवाह-इसमे लड़की की शादी बालिग़ होने से पहले ही उसके माता पिता द्वारा किसी अच्छे परिवार के लडके से करा दिया जाता था, और बाद में एक तय उम्र सीमा के बिताने के बाद लड़की के माता पिता उसकी विदाई कर देते थे.
- उल्लेखनीय है कि और किसी भी धार्मिक व्यक्ति की बारह पत्नियाँ नहीं थीं ” (देखिए हज़रत मुहम्मद सल्ल 0 और भारतीय धर्म ग्रन्थ, लेखकः डा 0 एम ए श्रीवास्तव पृष्ठ 12) अन्य विशेषताएं: (1) नराशंस की प्रशंसा की जाएगी तथा सबको प्रिय होगा (ऋग्वेद संहिता 1 / 13 / 3) संसार में जितनी प्रशंसा मुहम्मद सल्ल 0 की की गई तथा आज तक की जा रही है वह किसी व्यक्ति के भाग में नहीं आया।