काकभुशुण्डि वाक्य
उच्चारण: [ kaakebhushunedi ]
उदाहरण वाक्य
- हमारी लोककथाओं में तोता और मैना बोलती हैं, तो कौवा काकभुशुण्डि के रूप में आध्यात्मिक विमर्श में शामिल होता है।
- काकभुशुण्डि और मैं दोनों वहाँ साथ-साथ थे, परन्तु मनुष्य रूप में होने के कारण हमें कोई जान न सका॥ 2 ॥
- हिन्दूग्रंथ रामचरितमानस के मुताबिक जब शिव भक्ति के घमण्ड में चूर काकभुशुण्डि गुरु का उपहास करने पर भगवान शंकर के शाप से अजगर बने।
- राम ने पालने में पड़े-पड़े माता कौशल्या को अपना यही रूप दिखाया था और काकभुशुण्डि इसी स्वरूप की झाँकी करके धन्य हुए थे।
- घ. ^ काकभुशुण्डि की विस्तृत कथा का वर्णन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड के दोहा क्रमांक ९६ से दोहा क्रमांक ११५ तक में किया है।
- हिन्दू ग्रंथ रामचरित मानस के अनुसार जब शिव भक्ति के घमण्ड में चूर काकभुशुण्डि गुरु का उपहास करने पर भगवान शंकर के शाप से अजगर बने।
- उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ| काकभुशुण्डि को पूर्वजन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह राम कथा पूरी की पूरी याद थी।
- घ. ^ काकभुशुण्डि की विस्तृत कथा का वर्णन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड के दोहा क्रमांक ९ ६ से दोहा क्रमांक ११ ५ तक में किया है।
- भावार्थ:-(श्री रामजी ने कहा-) हे सखा! सुनो, मैं तुम्हें अपना स्वभाव कहता हूँ, जिसे काकभुशुण्डि, शिवजी और पार्वतीजी भी जानती हैं।
- कौए का शरीर पाने के बाद ही राममन्त्र मिलने के कारण उस शरीर से उन्हें प्रेम हो गया और वे कौए के रूप में ही रहने लगे तथा काकभुशुण्डि के नाम से