कुम्भनदास वाक्य
उच्चारण: [ kumebhendaas ]
उदाहरण वाक्य
- भक्त की भावना का आदर करके गोस्वामी जी ने सूतक का विचार छोड़कर कुम्भनदास को नित्य-दर्शन की आज्ञा दे दी थी।
- भक्त की भावना का आदर करके गोस्वामी जी ने सूतक का विचार छोड़कर कुम्भनदास को नित्य-दर्शन की आज्ञा दे दी थी।
- कुम्भनदास को निकुंजलीला का रस अर्थात् मधुर-भाव की भक्ति प्रिय थी और इन्होंने महाप्रभु से इसी भक्ति का वरदान माँगा था।
- कुम्भनदास को निकुंजलीला का रस अर्थात् मधुर-भाव की भक्ति प्रिय थी और इन्होंने महाप्रभु से इसी भक्ति का वरदान माँगा था.
- भक्त की भावना का आदर करके गोस्वामी जी ने सूतक का विचार छोड़कर कुम्भनदास को नित्य-दर्शन की आज्ञा दे दी थी.
- कृष्णलीला से सम्बद्ध प्रसंगों में कुम्भनदास ने गोचार, छाप, भोज, बीरी, राजभोग, शयन आदि के पद रचे हैं जो नित्यसेवा से सम्बद्ध हैं।
- भक्त चरित्र-परिचय नरसी मेहता जी कर्मा बाई जी संत रविदास जी रसखान जी तुलसीदास जी धुव्रजी जी कुम्भनदास जी माता शबरी जी
- जिनसे केवल यह प्रकट होता है कि सूरदास परम भगवदीय थे और उनके समसामयिक भक्त कुम्भनदास, परमानन्ददास आदि उनका बहुत आदर करते थे।
- पुष्तिमार्ग के प्रवर्तक बल्ल्भाचार्य के शिष्यों में कुम्भनदास का योगदान इस लिये ज्यादा है कि उन्होंने कृष्णभक्ति को राज भक्ति से अधिक महत्त्व दिया।
- जिनसे केवल यह प्रकट होता है कि सूरदास परम भगवदीय थे और उनके समसामयिक भक्त कुम्भनदास, परमानन्ददास आदि उनका बहुत आदर करते थे।