कैलाश मंदिर वाक्य
उच्चारण: [ kailaash mendir ]
उदाहरण वाक्य
- हिन्दु गुफा वास्तुशिल्प की पराकाष्ठा मुम्बई के निकट एलीफेंटा गुफाओं मे देखी जा सकती है और इसी प्रकार एलोरा के हिन्दु और जैन शैल मंदिर विशेष रूप से आठवीं शताब्दी का कैलाश मंदिर वास्तुशिल्प का यह रूप देखा जा सकता है।
- हिन्दु गुफा वास्तुशिल्प की पराकाष्ठा मुम्बई के निकट एलीफेंटा गुफाओं मे देखी जा सकती है और इसी प्रकार एलोरा के हिन्दु और जैन शैल मंदिर विशेष रूप से आठवीं शताब्दी का कैलाश मंदिर वास्तुशिल्प का यह रूप देखा जा सकता है।
- हिन्दु गुफा वास्तुशिल्प की पराकाष्ठा मुम्बई के निकट एलीफेंटा गुफाओं मे देखी जा सकती है और इसी प्रकार एलोरा के हिन्दु और जैन शैल मंदिर विशेष रूप से आठवीं शताब्दी का कैलाश मंदिर वास्तुशिल्प का यह रूप देखा जा सकता है।
- हिन्दु गुफा वास्तुशिल्प की पराकाष्ठा मुम्बई के निकट एलीफेंटा गुफा ओं मे देखी जा सकती है और इसी प्रकार एलोरा के हिन्दु और जैन शैल मंदिर विशेष रूप से आठवीं शताब्दी का कैलाश मंदिर वास्तुशिल्प का यह रूप देखा जा सकता है।
- रावण के इस मंदिर में होने वाले समस्त कार्यक्रमों के संयोजक केके तिवारी ने बताया कि शहर के शिवाला इलाके में कैलाश मंदिर परिसर में मौजूद विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव मंदिर के पास ही लंका के राजा रावण का मंदिर है।
- दशहरे के अवसर पर भगवान राम की पूजा और शोभा यात्रा तो समूचे देश के विभिन्न शहरों में निकलती है, लेकिन कानपुर शहर के शिवाला मोहल्ले के कैलाश मंदिर परिसर में स्थित विभिन्न मंदिरों में से एक लंकाधिराजरावण का दशानन मंदिर भी है।
- रावण के इस मंदिर में होने वाले समस्त कार्यक्रमों के संयोजक केके तिवारी ने ने बताया कि शहर के शिवाला इलाके में कैलाश मंदिर परिसर में मौजूद विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव मंदिर के पास ही लंका के राजा रावण का मंदिर है।
- किवदंती के अनुसार कैलाश मंदिर के नीचे एक सुरंग है जो कासगंज तक खुदी थी, सुरंग का द्वार मंदिर के ठीक नीचे है लेकिन सुरंग का द्वार सालों से बंद है जिसके कारण किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है की सुरंग कहाँ तक जाती है|
- 1. किवदंती के अनुसार कैलाश मंदिर के नीचे एक सुरंग है जो कासगंज तक खुदी थी, सुरंग का द्वार मंदिर के ठीक नीचे है लेकिन सुरंग का द्वार सालों से बंद है जिसके कारण किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है की सुरंग कहाँ तक जाती है
- मंदिर के संयोजक तिवारी बताते हैं कि इस मंदिर को स्थापित करने के पीछे यह मान्यता थी कि रावण प्रकांड पंडित होने के साथ साथ भगवान शिव का परम भक्त था, इसलिए शक्ति के प्रहरी के रूप में यहां कैलाश मंदिर परिसर में रावण का मंदिर बनाया गया था।