गाणपत्य वाक्य
उच्चारण: [ gaaaneptey ]
उदाहरण वाक्य
- ऐसी मान्यता है कि श्री वरद विनायक के मंदिर की स्थापना हजारों वर्ष पूर्व ऋग्वेदीय मंत्र द्रष्टा एवं ‘ गणानां त्वा गणपति ग्वं हवामहे ' ऋचा को गणपति की उपासना आराधना करके सिद्ध करने वाले वेद विख्यात एवं गाणपत्य संप्रदाय के आद्यप्रवर्तक गृत्समद ऋषि ने की थी।
- इसी कारण आर्य-संस्कृति में पनपे [[शैव मत | शैव]], शाक्त, [[वैष्णव]], गाणपत्य, [[जैन]], [[बौद्ध]], सिख आदि सभी धर्म-संप्रदायों में उपासना एवं कर्मकांड की पद्धतियों में भिन्नता होने पर भी वे सब गौ के प्रति आदर भाव रखते हैं।
- हिन्दू के सनातन धर्म में पंचदेवता का बड़ा महत्व है, इनमें शिव, शैव धर्म, शक्ति, शाक्त धर्म, विष्णु, वैष्णव धर्म, गणेश, गाणपत्य धर्म, सूर्य, सौर धर्म इन पांचो का बड़ा महत्व रहा है, जो इष्ट होते है वह प्रधान तथा बाकी साथ पूज्यनीय हैं।
- ऊपरी तौर पर यह लगता है कि हिन्दू वैष्णव, शैव, शाक्त, गाणपत्य आदि सम्प्रदायों में बँटा हुआ है किन्तु सत्य यही है कि कर्ता ब्रह्म के किसी विशेषण जैसे विष्णु (सर्वव्यापी ईश्वर), शिव (कल्याणकर्ता ईश्वर), दुर्गा (सर्वशक्तिमान ईश्वर), गणेश (परम बुद्धिमान या सामूहिक बुद्धि का द्योतक ईश्वर) की उपासना ही होती है ।