गोविन्ददास वाक्य
उच्चारण: [ gaovineddaas ]
उदाहरण वाक्य
- गिरफ्तार होने वालों में स् व. र ाम मनोहर लोहिया, स् व.ब ृजलाल बियाणी, स् व.स ेठ गोविन्ददास, स् व. बसन्तलाल मुरारका, स् व.स ीताराम सेकसरिया, स् व. मूलचन्द अग्रवाल, स् व.
- 1652 वि 0 में जयपुर के तोमर गोविन्ददास हरीदास ने बृन्दावन में युगल घाट पर जुगलकिशोर मंदिर बनाया तथा लूनकरण कछवाहा ने केशीघाट पर युगलकिशोर मन्दिर बनाया, यह गोपीनाथ मन्दिर निर्माता रायसेन कछवाह का भाई था ।
- आप अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- आ प अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- (बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के नवम वार्षिकोत्सव में सभापति-पद से श्रीसेठ गोविन्ददास जैसा प्रख्यात और जबरदस्त हिन्दी-सेवी अंग्रेजी के भक्तों के सारे झूठे और बेबुनियाद (कु) तर्कों को चुनौती देते हुए जब बोलता है तब वे परेशान हो उठते हैं।
- संस्कारधानी जबलपुर की स्वनामधन्य साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था कादंबरी के तत्वाधान में शहीद स्मारक भवन के सेठ गोविन्ददास द्वारा निर्मित कराये गये भव्य कलात्मक मंच पर आयोजित इस गरिमामय सम्मान समारोह में देश के 33 विद्वानों को साहित्य की विभिन्न विधाओं के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- जिन महत्वपूर्ण विद्वानों के पत्र व्यवहार संग्रहालय की श्रीवृद्धि करते हैं उनमें महत्वपूर्ण हैं-बनारसीदास चतुर्वेदी, गणेशदत्त शर्मा इन्द्र, श्रीरंजन सूरिदेव, माखनलाल चतुर्वेदी, वृन्दावनलाल वर्मा, सेठ गोविन्ददास, सुभद्राकुमारी चौहान, सुमित्रानंदन पंत, हजारीप्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त, भवानीप्रसाद मिश्र, नन्ददुलारे वाजपेयी, लोचनप्रसाद पाण्डेय।
- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री द्वारिका प्रसाद मिश्र, मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे, सेठ गोविन्ददास, राजर्षि परमानन्द भाई पटेल, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल निर्मल चंद जैन, साहित्य मनीषी रामेश्वर शुक्ल ‘ अंचल ‘ एवं वर्तमान में मध्य प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी को कौन नहीं जानता।
- कहा जाता है कि तत्कालीन बस्सी के शासक गोविन्ददास रावत ने ही सर्वप्रथम काष्ठ कला के सिद्धहस्त कलाकार प्रभात जी सुधार को टौंक जिले के मालपुरा कस्बे से बुलाकर उन्हें एवं उनके परिवार को न केवल सम्मान एवं संरक्षण ही प्रदान किया अपितु काष्ठ शिल्प परम्परा को भी प्रोत्साहित करते हुए कला को विविध नए आयाम दिलवा ए.
- भागीरथ अम्बेडकर की अध्यक्षता, धानुक बरार समिति में काशीराम टिकरिया, बामसेफ में महेन्द्र भारती, उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ में यक्षेश सनोरिया, उत्तर प्रदेश वाल्मीक समाज कल्याण समिति में राजेन्द्र प्रसाद, सबेरा शहरी व ग्रामीण समाजसेवी संस्था व दलित अधिकार मंच में अजय कुमार चौधरी, रेलवे की ऑल इण्डिया अनुसूचित जाति जनजाति इम्प्लाईज असोसियेशन में गोविन्ददास, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में लक्ष्मण सिंह परिहार, स् व.