चार पुरुषार्थ वाक्य
उच्चारण: [ chaar purusaareth ]
उदाहरण वाक्य
- भोग, संभोग और योग: हिंदू धर्मग्रंथों में चार पुरुषार्थ बताए गए हैं-धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
- मनुष्य के जीवन में धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष-ये चार पुरुषार्थ होते हैं ।
- हिन्दू शास्त्रों में मनुष्य के चार पुरुषार्थ माने गए हैं-धर्म अर्थ काम तथा मोक्ष।
- हमारे जीवन के श्रेष्ठ और आदर्श चार पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं.
- इसका उद्देश्य भी जीवन के उद्देश्य की भांति चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति ही है।
- इसका उद्देश्य भी जीवन के उद्देश्य की भाँति चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति ही है।
- भारतीय धर्म-दर्शन की परंपरा और भक्ति आंदोलन-1 ओमप्रकाश कश्यप भारतीय परंपरा में जीवन के चार पुरुषार्थ माने गए है।
- भारतीय दर्शन के अनुसार जीवन के चार पुरुषार्थ हैं-धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ….
- हिंदु धर्म-शास्त्रों में मनुष्य के लिए चार पुरुषार्थ अनिवार्य बताए गये हैं, ” धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
- यह यंत्र भगवान शंकर का रूप है, ग्यारह रुद्र और चार पुरुषार्थ मिलकर ही पन्द्रह का रूप धारण करते है।