चोर सिपाही वाक्य
उच्चारण: [ chor sipaahi ]
उदाहरण वाक्य
- लगता है चोर सिपाही का यह खेल यूँ ही चलता रहेगा जब तक एक एक करके सिंह साहेब की सारी की सारी केबिनेट ‘ तिहार ' में नहीं पहुँच जाती और सिंह साहेब अपनी केबिनेट की बैठके ‘ तिहार ‘ में ही बुलाएंगे
- फिर अचानक ऎसा क्या हुआ कि जीवनदान का कार्य अंज़ाम देना छोड़, अपना टंडीला छोड़्छाड़ चोर सिपाही खेलने लगे, वह भी इंटरनेशनल स्तर पर? अब यह विचारणीय है कि उनकी मिलीभगत टोली का कौन भगत पार्टी छोड़, पुलिसपार्टी में शामिल हो गया ।
- गर्म सांझ के पसरते धुएं में / मच्छरों के बांबीनुमा दड़बों से तंग आकर / मुहल्ले के फुटपाथ पर / चोर सिपाही खेल से उकताए बच्चे / जब भूख से बेहाल रोटी पकने का इंतजार करते हैं / मेरी कविता की प्रसव-पीड़ा शुरू हो जाती है।
- फिर अचानक ऎसा क्या हुआ कि जीवनदान का कार्य अंज़ाम देना छोड़, अपना टंडीला छोड़छाड़ कर चोर सिपाही खेलने लगे, वह भी इंटरनेशनल स्तर पर? अब विचारणीय यह है कि उनकी मिलीभगत पार्टी का कौन सा भगत उनकी टोली छोड़, पुलिसपार्टी में शामिल हो गया ।
- ” गाते कराहते, लँगड़ाते हुये दाखिल हो, तो आपको कैसा लगेगा, एक घायल सुपरमैन? कत्तई नहीं न! यह अनुशासन और नागरिक का चक्कर तो चोर सिपाही का खेल है, छोड़िये इसे यहीं! उनकी तक़लीफ़, वो जानें, मेरी तो बला से ।
- वो चाहती है कि उसे कोई ऐसी बीमारी हो जाए जिसका कोई इलाज न हो...वो जीना ऐसे चाहती है जैसे कि मालूम हो कि मौत कुछ ही कदम दूर खड़ी है...और उससे चोर सिपाही खेल रही हो।वो एक लड़की है...सब उससे पूछते हैं कि उसे इतनी शिकायत क्यों है, किससे है।
- अहिंसा (1979) फ़िल्म में रणजीत ने काम किया.सुहाग सन 1979 में पर्दे पर आई. इसमें रणजीत ने एक्टिंग की.रणजीत ने मूवी चोर सिपाही (1979) में अभिनय किया.युवराज सन 1979 में पर्दे पर आई. इसमें रणजीत ने एक्टिंग की.रणजीत ने मूवी लहू के डू रंग (1979) में अभिनय किया.लैला मजनू सन 1979 में पर्दे पर आई.
- कुछ बीघा ज़मीन अभी भी है लेकिन परती पड़ी हुई अब खेतों पर कोई नहीं जाता कोई नहीं मिलता पत्नी चल बसी गँजेड़ी बेटा औघड़ हो गया बाप से लड़ कर बेटियाँ ससुराल में जल गयीं जिन्हें सती कहते हैं वहाँ के ठाकुर चोर सिपाही सरकारी कारकुन सभी सहमत हैं उनसे उनकी नाजायज़ औलादें भी.
- बचपन में चोर सिपाही का खेल खेलता था | आज भी कुछ बच्चे इस खेल को जीवंत रखे है| जब हम खेलते थे, तो अक्सर सिपाही के भूमिका में होते थे | दूसरे साथी खेलाडी को चोर बनाते थे | लेकिन अब इस उम्र में समझ आ रहा कि मुझे चोर के ही भूमिका में होना चाहिए था |...
- संस्कार वान हो सकते हो, संस्कार पैदा किये जा सकते है,,, लेकिन मर्यादा स्थापित कर सकना दुष्कर है, क्या शासन कर सकता है क्या समाज के अन्य महान कहे जाने वाले लोग,,,,, फिर जैसा महान लोग करते है साधारण जन ने वही तो दोहराना है,, सब चोर सिपाही का खेल ही तो है,,, ओम..