जस गीत वाक्य
उच्चारण: [ jes gait ]
उदाहरण वाक्य
- हमने छत् तीसगढ के जस गीत पर एक पोस् ट लिखा है जो स् थानीय विभिन् न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुआ है जिसका अवलोकन करने से छत् तीसगढ़ के जस गीत को जाना पहचाना जा सकता है.
- उसी तरह जिस तरह आगरा बाजार में रौंदे जाने के बाद भी रोते ककडी वाले के अंतस को अपूर्व उर्जा से भर देने वाले जस गीत व मांदर के थापों नें दुखों को भूलाकर ब्रम्हानंद में मगन कर दिया था ।
- उसी तरह जिस तरह आगरा बाजार में रौंदे जाने के बाद भी रोते ककडी वाले के अंतस को अपूर्व उर्जा से भर देने वाले जस गीत व मांदर के थापों नें दुखों को भूलाकर ब्रम् हानंद में मगन कर दिया था ।
- पारंपरिक गीत के सीडी मार्केट में उपलब् ध हैं कि नहीं हैं मै नहीं जानता, मैं तो मांदर और झांझ-मजीरे के संगीत के साथ गाये जाने वाले छत् त ीसगढी भाषा के शौर्य गान को जस गीत मानता हूँ जिसके पारंपरिक लय व ताल के नियम हैं.
- छत्तीसगढ़ के प्रमुख और लोकप्रिय गीतों में से कुछ हैं: भोजली, पंडवानी, जस गीत, भरथरी लोकगाथा, बाँस गीत, गऊरा गऊरी गीत, सुआ गीत, देवार गीत, करमा, ददरिया, डण्डा, फाग, चनौनी, राउत गीत और पंथी गीत ।
- आज भी यदि आप खोजें तो पारंपरिक गायन वाले मिल जायेंगें, जस गीत के संकलन पर इस प्रदेश में बहुज काम हुआ है, जसगीत के कई संकलन प्रकाशित हुए हैं किन् तु सीडी बेंचने वाले लोग इन पारंपरिक गानों के स् थान पर नये गीत प्रस् तुत किए हैं.
- मैनें ललित भाई को इस प्रयास के लिए यद्यपि बधाई दिया कि हमारी भाषा एवं संस् कृति का कुछ अंश उन् होंनें लोगों के बीच लाने का प्रयास किया किन् तु आजकल जो गीत सीडी में बाजार में प्रस् तुत हो रहे हैं उन् हें मैं जस गीत के नाम पर प्रपंच मानता हूं, ऐसे गीत पारंपरिक जस गीत है ही नहीं बल्कि पारंपरिक गीत व धुन एवं लय के विपरीत हैं.
- मैनें ललित भाई को इस प्रयास के लिए यद्यपि बधाई दिया कि हमारी भाषा एवं संस् कृति का कुछ अंश उन् होंनें लोगों के बीच लाने का प्रयास किया किन् तु आजकल जो गीत सीडी में बाजार में प्रस् तुत हो रहे हैं उन् हें मैं जस गीत के नाम पर प्रपंच मानता हूं, ऐसे गीत पारंपरिक जस गीत है ही नहीं बल्कि पारंपरिक गीत व धुन एवं लय के विपरीत हैं.
- आपके इस कथन से मै पुर्णतः सहमत हु कि आजकल फ़िल्मी गानो कि नकल करके हम छ्त्तीसगढी संस्कृती का कबाडा कर रहे है और वस्तवीक रुप मे इसका प्रस्तुतीकरण नही हो पा रहा है ॥ मै जब छोटा था तब और अब मे मेरे खुद के गाव मे बहुत कुछ बदल गया जो नही बदलना चाहिये था! मै खुद फ़ाग और जस गीत गाकर आज भी आत्मा शांत कर लेता हु! इन संदर्भो मे आपका यह लेख छ्त्तीसगढी संस्कृती के पुनः महिमामंडन का सराहनीय प्रयास है!!