जैनधर्म वाक्य
उच्चारण: [ jainedherm ]
उदाहरण वाक्य
- आगामी शताब्दियों में गुजरात में जैनधर्म का उत्तरोत्तर प्रभाव बढ़ता हुआ पाया जाता है।
- विश्व की दृष्टि में जैनधर्म-जैन धर्म के बारे में महापुरुषों के विचार
- मौर्यकाल में जैनधर्म, बौद्धधर्म, वैष्णव, शैव, पाशुपत और शाक्त उपासनाओं के उल्लेख मिलते हैं।
- बालाचार्य सिद्धसेन ने कहा कि क्षमा मांगना, क्षमा करना जैनधर्म की विशेषता हैं।
- जैनधर्म के कर्मसिद्धांतनुसार जीवन के समस्त अनुभव सुकर्म एवं दुष्कर्मो के परिणाम ही हैं।
- जैनधर्म के प्रवर्त्तक महावीर स्वामी ने भी दीपावली को ही निर्वाण प्राप्त किया था।
- सन् १ ० ८ १ के एक शिलालेख में जैनधर्म का गढ़ कहा गया है।
- जैनधर्म में सोलह विद्या देवियाँ हैं | ये सोलह विद्या देवियाँ अपने नाम के अनुसार
- इसलिए कुछ विद्वानों ने जैनधर्म को बौद्ध धर्म की ही एक शाखा माना है.
- जिस प्रकार भगवान महावीर, गौतम गणधर और जैनधर्म मंगलरूप हैं, उसी प्रकार कुन्दकुन्द आचार्य भी।