झनक झनक पायल बाजे वाक्य
उच्चारण: [ jhenk jhenk paayel baaj ]
उदाहरण वाक्य
- दूसरा गीत राग भैरवी पर आधारित था सोहनी महिवाल फिल्म से-चाँद छुपा और तारे डूबे रात गजब की आई और समापन किया उस्ताद अमीर खां की आवाज में शास्त्रीय पद्धति में ढले झनक झनक पायल बाजे फिल्म के शीर्षक गीत से।
- दूसरा गीत राग भैरवी पर आधारित था सोहनी महिवाल फिल्म से-चाँद छुपा और तारे डूबे रात गजब की आई और समापन किया उस्ताद अमीर खां की आवाज में शास्त्रीय पद्धति में ढले झनक झनक पायल बाजे फिल्म के शीर्षक गीत से।
- ' झनक झनक पायल बाजे ' की अपार सफलता के बाद सन् १ ९ ५ ९ में शांताराम जी ने कुछ इसी तरह की एक और नृत्य और संगीत-प्रधान फ़िल्म बनाने की सोची और इस तरह से ' नवरंग ' की कल्पना की गई।
- शांताराम की हर फिल् म उनकी ड्रीम प्रोजेक् ट होती थी, मगर ' झनक झनक पायल बाजे ' के निर्माण के समय सफलता, विफलता का जो भय मन में सवार हो गया था, वह रिलीज होने के बाद ही दूर हुआ।
- आज उस्तादों की बारी है बाबुल मेरा नैहर छूटा ही जाये........इसे आप पंडित भीमसेन जोशी की आवाज में सुनिए,कुछ नया ही मिलेगा | झनक झनक पायल बाजे-उस्ताद आमिर अली खान साहेब की आवाज में | रचनाये बड़ी है,फुर्सत से सुनिए |
- इस दौर की क़ाबिल-ए-ग़ौर फिल्में रहीं-दो बीघा ज़मीन, बूट पॉलिश, जागृति, झनक झनक पायल बाजे, मदर इंडिया, मधुमति, सुजाता, मुग़ल-ए-आज़म, जिस देश में गंगा बहती है, साहब, बीबी और ग़ुलाम, बंदिनी, दोस्ती, हिमालय की गोद में, गाइड, उपकार, ब्रह्मचारी, अराधना, खिलौना, आनंद, बेईमान, अनुराग और रजनीगंधा।
- इस दौर की क़ाबिल-ए-ग़ौर फिल्में रहीं-दो बीघा ज़मीन, बूट पॉलिश, जागृति, झनक झनक पायल बाजे, मदर इंडिया, मधुमति, सुजाता, मुग़ल-ए-आज़म, जिस देश में गंगा बहती है, साहब, बीबी और ग़ुलाम, बंदिनी, दोस्ती, हिमालय की गोद में, गाइड, उपकार, ब्रह्मचारी, अराधना, खिलौना, आनंद, बेईमान, अनुराग और रजनीगंधा।
- इसलिए जब उन्होंने प्रभात छोड्कर अपने ' बैनर ' राजकमल कलामंदिर की नीव रखी तो वो अपने साथ वसंत देसाई को भी ले आए. “ दहेज ”, “ झनक झनक पायल बाजे ”, “ तूफान और दीया ”, और “ दो आँखें बारह हाथ ” जैसी चर्चित फिल्मों में संगीत देने के बाद वसंत देसाई ने राजकमल कलामंदिर की फिल्म “ मौसी ” में संगीत दिया था सन 1958 में.