तीसरा सप्तक वाक्य
उच्चारण: [ tiseraa septek ]
उदाहरण वाक्य
- ओंकार श्रीवास्तव, श्रीमती, कीर्ति चौधरी (तीसरा सप्तक) जो भारत के साहित्य जगत में स्थापित और कीर्तमान थे।
- नई कविता आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर कुँवर नारायण अज्ञेय द्वारा संपादित तीसरा सप्तक (१९५९) के प्रमुख कवियों में रहे हैं।
- तीसरा सप्तक के बाद मुझे ऐसा जाना पड़ा कि वे नयी प्रवृत्तियाँ काव्यप्रेमी समाज में पूरी तरह स्वीकृति पा गयी हैं।
- लेकिन तीसरा सप्तक के समय की अपेक्षा आज यह काम कितना कठिनतर हो गया इसकी ओर पाठक का ध्यान दिलाना आवश्यक है।
- अज्ञेय ने तार सप्तक, दूसरा सप्तक और तीसरा सप्तक के जरिए हिन्दी साहित्य के कई प्रतिभावान कवियों की कृतियों का संचयन किया।
- सन्दर्भ इस अध्याय की सामग्री निम्न पुस्तकों, व्यक्तियों से प्राप्त हुई-1. तीसरा सप्तक (सं. अज्ञेय) में छपा कवि परिचय ।
- अज्ञेय ने तार सप्तक, दूसरा सप्तक और तीसरा सप्तक के जरिए हिन्दी साहित्य के कई प्रतिभावान कवियों की कृतियों का संचयन किया।
- इसी क्रम में दूसरा सप्तक (1957), तीसरा सप्तक (1959) तथा चौथा सप्तक (1979) का प्रकाशन हुआ।
- तीसरा सप्तक में प्रकाशित विजयदेवनारायण साही की रात में गांव कविता किसान अनुभव का ही बिम्बांकन है-' सो रहा है गांव।
- तीसरा सप्तक के कवियों में से एक, जाने माने साहित्यकार केदारनाथ सिंह उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहते हैं, “तीसरा सप्तक