दिल एक मंदिर वाक्य
उच्चारण: [ dil ek mendir ]
उदाहरण वाक्य
- एक समय था जब दिल एक मंदिर, मेरे हमदम मेरे दोस्त, मैं तुलसी तेरे आँगन की, किनारा, परिचय, सत्यकाम, चुपके-चुपके, श्री 420, जागते रहो, सत्यम् शिवम् सुन्दरम्, बंदिनी, प्रेमरोग, आनंद, अनुपमा, खुशबू, नमकीन, झनक-झनक पायल बाजे, नवरंग, दो आँखें बारह हाथ जैसे उम्दा नाम फिल्मों के हुआ करते थे।
- एक समय था जब दिल एक मंदिर, मेरे हमदम मेरे दोस्त, मैं तुलसी तेरे आँगन की, किनारा, परिचय, सत्यकाम, चुपके-चुपके, श्री 420, जागते रहो, सत्यम् शिवम् सुन्दरम्, बंदिनी, प्रेमरोग, आनंद, अनुपमा, खुशबू, नमकीन, झनक-झनक पायल बाजे, नवरंग, दो आँखें बारह हाथ जैसे उम्दा नाम फिल्मों के हुआ करते थे।
- सुमन कल्यानपुर, मो.रफ़ी जाने वाले कभी नहीं आते जाने वाले की याद आती है दिल एक मंदिर है प्यार की जिसमें होती है पूजा ये प्रीतम का घर है हर धड़कन है आरती वंदन आँख जो मींची हो गए दर्शन मौत मिटा दे चाहे हस्ती याद तो अमर है दिल एक मंदिर...
- सखियों की पसंद पर पुरानी फिल्मो के लोकप्रिय गीत सुनवाए गए इन फिल्मो से-मदारी, प्यार की राहे, गूँज उठी शहनाई, गुमराह, नया रास्ता और दिल एक मंदिर फिल्म का शीर्षक गीत और नूरजहाँ फिल्म से यह गीत भी सुनवाया गया जो कम ही सुनवाया जाता हैं-
- उनकी यादगार फ़िल्मों में ‘ पाकीज़ा ', ‘ साहब बीबी और ग़ुलाम ' के अलावा, ‘ आज़ाद ', ‘ दिल अपना और प्रीत पराई ', ‘ आरती ', ‘ दिल एक मंदिर ', ‘ फूल और पत्थर ' और ‘ काजल ' जैसी बेहतरीन फ़िल्में थीं.
- गुरूवार को श्रोताओं के ईमेल के अनुसार खानदान, सेहरा, दिल एक मंदिर फिल्मो के गीतों के साथ पलको की छाँव में फिल्म का डाकिया डाक लाया गीत भी सुनवाया, इस गीत में किशोर कुमार के साथ आशा भोसले की आवाज बताया गया जबकि जहां तक मेरी जानकारी हैं यह आवाज आशा जी की नहीं वन्दना शास्त्री की हैं।
- गुरूवार को श्रोताओं के ईमेल के अनुसार खानदान, सेहरा, दिल एक मंदिर फिल्मो के गीतों के साथ पलको की छाँव में फिल्म का डाकिया डाक लाया गीत भी सुनवाया, इस गीत में किशोर कुमार के साथ आशा भोसले की आवाज बताया गया जबकि जहां तक मेरी जानकारी हैं यह आवाज आशा जी की नहीं वन्दना शास्त्री की हैं।
- ” दीवाना मुझको लोग कहे (दीवाना), ‘ दिल एक मंदिर है, रात और दिन दीया जले, तेरे घर के सामने इक घर बनाउगा, गुमनाम है कोई बदनाम है कोई, दो जासूस करे महसूस, जैसे ढेर सारी फिल्मों के उन्होंने टाइटिल गीत लिखे इसके साथ ही हसरत जयपुरी ने लिखा ” अब्शारे-गजल ” में
- सखियों की पसंद पर पुरानी फिल्मो के लोकप्रिय गीत सुनवाए गए इन फिल्मो से-मदारी, प्यार की राहे, गूँज उठी शहनाई, गुमराह, नया रास्ता और दिल एक मंदिर फिल्म का शीर्षक गीत और नूरजहाँ फिल्म से यह गीत भी सुनवाया गया जो कम ही सुनवाया जाता हैं-वो मुहब्बत वो वफाए किस तरह हम भूल जाएमंगलवार को प्रस्तोता रही रेणु (बंसल) जी और निम्मी (मिश्रा) जी।
- दीवाना मुझको लोग कहे (दीवाना), ' दिल एक मंदिर है ', ' रात और दिन दीया जले ', ‘ तेरे घर के सामने इक घर बनाउगा ', ‘ गुमनाम है कोई बदनाम है कोई ', ' दो जासूस करे महसूस ' जैसे ढेर सारे फिल्मो के उन्होंने टाइटिल गीत लिखे, इसके साथ ही हसरत जयपुरी ने लिखा “ अब्शारे-गजल ” में