दुश्शासन वाक्य
उच्चारण: [ dusheshaasen ]
उदाहरण वाक्य
- अस्सी करोड़ बेटों की माता की ह्त्या करनेवाले! जो तुम्हे बनाकर दुश्शासन, उसका दुकूल हरनेवाले! बन्दूक-तोप-गोला-गोली, कुत्सित विचार जो बाँट रहे! जो जिह्वा घृणित बढ़ा माँ के, तन का शोणित है चाट रहे!!.
- आज तथा-कथित भारत में, लोग दुश्शासन (दूषित शासन) और दुर्योधन (दूषित धन या बल) से पीड़ित हैं, और राष्ट्र को धारण करने वाला धृत राष्ट्र, असंवेदनशील और मोह से ग्रसित व्यवस्था से पोषित है.
- औटो वाला दुश्शासन और उसके अग्रज का (जो कलयुग में सिगरेटिये मित्र बन कर अवतरित हुये थे), अभिप्राय समझ गया था, और एक्सीलेटर बढ़ाने पर बस पकड़ मजबूत करने ही जा रहा था, पर हस्तिनापुर युवराज से कौन पंगा ले, उसने देखा ही नहीं।
- औटो वाला दुश्शासन और उसके अग्रज का (जो कलयुग में सिगरेटिये मित्र बन कर अवतरित हुये थे), अभिप्राय समझ गया था, और एक्सीलेटर बढ़ाने पर बस पकड़ मजबूत करने ही जा रहा था, पर हस्तिनापुर युवराज से कौन पंगा ले, उसने देखा ही नहीं।
- राम और कृष्ण और शिव के तत्व चिंतन और आराधना का फल है, कि योरोप, अमेरिका, जापान आज विकसित देश कहलाते हैं, और कभी भारत के नाम से विख्यात इस राष्ट्र को दुश्शासन और दुर्योधन के बीभत्स भ्रष्टाचारी कार्यों से जाना जाता है.
- औटो वाला दुश्शासन और उसके अग्रज का (जो कलयुग में सिगरेटिये मित्र बन कर अवतरित हुये थे), अभिप्राय समझ गया था, और एक्सीलेटर बढ़ाने पर बस पकड़ मजबूत करने ही जा रहा था, पर हस्तिनापुर युवराज से कौन पंगा ले, उसने देखा ही नहीं।
- मेरे दुश्शासन वो ख़त जो मैंने तुम्हें लिखे थे हाँ, वो अनकहे ख़त मैंने आज भी सहेज कर रखे हैं मेरी अलमारी में बिछे अखबार की तहों के भीतर आज अचानक वो फिर हाथ लग गये खो गयी थी मैं उन पुरानी बातों में मैंने देखा मेरी सुधियों का चीर थामे तुम आज भी निर्भीक
- मेरे दुश्शासन वो ख़त जो मैंने तुम्हें लिखे थे हाँ, वो अनकहे ख़त मैंने आज भी सहेज कर रखे हैं मेरी अलमारी में बिछे अखबार की तहों के भीतर आज अचानक वो फिर हाथ लग गये खो गयी थी मैं उन पुरानी बातों में मैंने देखा मेरी सुधियों का चीर थामे तुम आज भी निर्भीक...
- कलियुग का सत्य (अनुराग शर्मा) जिसकी जैसी खाज भैया वैसा करो इलाज भैया बत्तीस रुपै गरीबी के हैं उन्नत हुआ समाज भैया रज़िया फ़ंस गयी गुन्डों में मूल बचा न ब्याज भैया दुश्शासन से आस लगाई कैसे बचती लाज भैय्या शूर्पणखा के शासन में तौ आय चुका रामराज भैया काका हाथरसी के जन्मदिन व पुण्यतिथि पर विशेष प्रभुलाल गर्ग “काका हाथरसी”
- कल तक चकला चलानेवाला आज प्रदेश और देश की सरकार चलाने लगता है तो दोषी कौन है??? फिर से वही पुलिसवाले!!! कल तक शराब बेचनेवाला आज देश को बेचने लगता है तो दोषी कौन है???? फिर से वही पुलिसवाले, वही पुलिसवाले, वही पुलिसवाले!!!! और बिडम्बना यह है कि इन्हीं दुश्शासन सदृश पुलिसवालों के बल पर नीतीश कुमार राज्य में सुशासन लाना चाहते हैं.