दो आँखें बारह हाथ वाक्य
उच्चारण: [ do aanekhen baarh haath ]
उदाहरण वाक्य
- फिल्म दो आँखें बारह हाथ यह सिद्ध करती है कि चाहे कैदी हो या फिर कोई अन्य व्यक्ति सभी के अंदर एक कोमल ह्रदय है और उसमें विभिन्न प्रकार की भावनाओं का वास होता है.
- वसंत देसाई साहब ने ही इससे पहले ' दो आँखें बारह हाथ ' के लिए “ ऐ मालिक तेरे बंदे हम ” की रचना की थी और ' गुड्डी ' में उन्होने अपने ही रेकॊर्ड को तोड़ा।
- जागते रहो में राज कपूर, मोतीलाल और नर्गिस ने अविस्मरणीय अभिनय किया था, ‘ दो आँखें बारह हाथ ' में वी. शांताराम तथा संध्या ने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया था।
- हमारे सिनेमा ने अछूत कन्या, दो बीघा ज़मान, प्यासा, आवारा, श्री 420, जागते रहो, मदर इंडिया, नीचा नगर, गरम कोट, सुजाता, इंसान जाग उठा, पड़ोसी और दो आँखें बारह हाथ जैसी तमाम फिल्में दीं और सब सफल हुईं।
- सुजॊय-सजीव, मुझे लगता है कि इस गीत की धुन मिलती जुलती है ' दो आँखें बारह हाथ ' फ़िल्म में लता जी के गाए गीत “ स इयां झूठों का बड़ा सरताज निकला ” से।
- सही है बंधन के बगैर भी चैन नहीं पड़ती. फिल्म “ दो आँखें बारह हाथ ” का वो सीन याद आ गया जब कैदी बंधन मुक्त कर दिया जाता है तो रात उसे नींद नहीं आती.
- इस साल नया दौर के अतिरिक्त प्यासा (गुरु दत्त), मदर इंडिया (महबूब खान), दो आँखें बारह हाथ (व्ही शांताराम) जैसी फ़िल्में आयीं थीं जिन्होंने व्यावसायिक सफलता के साथ साथ फ़िल्मों के दार्शनिक-सामाजिक महत्व को एक बार फ़िर स्थापित किया.
- हिन्दी फ़िल्म उद्योग जिस समय अपने विकास के शुरुआती दौर में था उसी समय एक ऐसा फ़िल्मकार भी था जिसने कैमरे, पटकथा, अभिनय और तकनीक में तमाम प्रयोग कर दो आँखें बारह हाथ जैसी फ़िल्म भी बनाई थी।
- पंकज राग अपनी किताब ' धुनों की यात्रा ' में इस फ़िल्म के बारे में लिखते हैं-” १ ९ ५ ७ में वी. शाताराम डाकुओं की समस्या का गांधीवादी हल लेकर ' दो आँखें बारह हाथ ' में आए।
- आलम आरा · देवदास (1936) · दो आँखें बारह हाथ · दो बीघा ज़मीन · नया दौर · मदर इंडिया · मुग़ल ए आज़म · अनुराधा · सत्यकाम · शोले · ज़ंजीर · दीवार · त्रिशूल · कभी कभी · आनंद · पा