नवाबराय वाक्य
उच्चारण: [ nevaaberaay ]
उदाहरण वाक्य
- ध्यातव्य यह भी है कि नवाबराय के लेखकीय नाम से लिखने वाले धनपतराय श्रीवास्तव ने प्रेमचंद का वह लेखकीय नाम भी मुंशी दयानारायण निगम के सुझाव से ही अंगीकृत किया था जिसकी छाया में उनका वास्तविक तथा अन्य लेखकीय नाम गुमनामी के अंधेरों में खोकर रह गए।
- ध्यातव्य यह भी है कि नवाबराय के लेखकीय नाम से लिखने वाले धनपतराय श्रीवास्तव ने प्रेमचंद का वह लेखकीय नाम भी मुंशी दयानारायण निगम के सुझाव से ही अंगीकृत किया था जिसकी छाया में उनका वास्तविक तथा अन्य लेखकीय नाम गुमनामी के अंधेरों में खोकर रह गए।
- नवाबराय ने लिखा था कि ” हर एक कौम का अदब अपने ज़माने की सच्ची तस्वीर होता है और जो ख़याल ज़हन में घूमते हैं और जो एहसास कौम के दिलों में गूंजते हैं वो नस्र और नज़्म में ऐसी सफ़ाई से नज़र आते हैं जैसे आईने में सूरत....
- ज़माना कानपूर में इश्के दुनिया और हुब्बे वतन (अप्रैल 1908 ई ०) और बड़े घर की बेटी (दिसम्बर 1910 ई ०) के बीच जो चार उर्दू कहानियाँ प्रकाशित हुईं उनमें या तो लेखक का कोई नाम नहीं दिया गया था या कहानी के अंत में लेखक के नाम के स्थान पर “ अफ्सानाए-कुहन ” (वह कथा जो अतीत बन चुकी) छाप कर नवाबराय के नाम को गोपनीय रखा गया।