नाथपंथ वाक्य
उच्चारण: [ naathepneth ]
उदाहरण वाक्य
- यह देवी का मंदिर आज भी विद्यमान है, जैसलमेर में विभिन्न संप्रदायों के प्रति बहुत आस्था रही है, इनमें राम स्नेही, नाथपंथ तथा वल्लभ संप्रदाय प्रमुख हैं।
- हमने देखा था कि शब्द चाहें नाथपंथ से लें, चाहे इस्लाम से, उन शब्दों से जो वाक्य रचते हैं, वह कबीर का अपना है।
- इस प्रकार की एक पुस्तक का नाम है, ' काफिरबोध ' 4 नाथपंथ के उपदेशों का प्रभाव हिंदुओं के अतिरिक्त मुसलमानों पर भी प्रारंभ काल में ही पड़ा।
- सहजयान और नाथपंथ के अधिकांश साधक तथाकथित नीची जातियों में उत्पन्न हुए थे, अतः उन्होंने इस अकारण नीच बनाने वाली प्रथा को दार्शनिक की तटस्थता के साथ नहीं देखा।
- इस कथा से यह स्पष्ट लक्षित हो जाता है कि नामदेव को नाथपंथ के योगमार्ग की ओर प्रवृत्त करने के लिए ज्ञानदेव की ओर से तरह-तरह के प्रयत्न होते रहे।
- इसमें दिखाया जाता है नाथ पंथियों के गुरु मछेंदरनाथ अपने शिष्य गोरखनाथ को कहते हैं वो जाकर राजा भर्तृहरि को अपने यहां ले आएं, क्योंकि उनकी असली जगह तो नाथपंथ में है।
- दिनेशचन्द्र सेन के हवाले से राजदेव सिंह कहते हैं कि बंगाल के इतिहास से यह बात अलग नहीं की जा सकती कि बौद्ध धर्म का ह्रास होते ही महायान मत से विकसित नाथपंथ वैष्णवों में शामिल हो गए।
- नामदेव सीधे सादे सगुण भक्ति मार्ग पर चले जा रहे थे, पर पीछे उस नाथपंथ के प्रभाव के भीतर भी ये लाए गए, जो अंतर्मुख साधना द्वारा सर्वव्यापक निर्गुणब्रह्म के साक्षात्कार को ही मोक्ष का मार्ग मानता था।
- योगियों की इस हिंदू शाखा ने वज्रयानियों के अश्लील और बीभत्स विधानों से अपने को अलग रखा, यद्यपि शिव शक्ति की भावना के कारण कुछ श्रृंगारमयी वाणी भी नाथपंथ के किसी-किसी ग्रंथ (जैसे शक्ति संगमतंत्र) में मिलती है।
- इस प्रकार नाथपंथ के इन जोगियों ने परंपरागत साहित्य की भाषा या काव्यभाषा से, जिसका ढाँचा नागर अपभ्रंश या ब्रज का था, अलग एक ' सधुक्कड़ी ' भाषा का सहारा लिया जिसका ढाँचा कुछ खड़ी बोली लिए राजस्थानी था।