निशाचरी वाक्य
उच्चारण: [ nishaacheri ]
उदाहरण वाक्य
- जहाँ मैं साँस ले रहा हूँ अभी चारों तरफ़ फैली हुई है रात ख़ौफ़ की तरह-चीख़ते-चिंघाड़ते निशाचरी दानव हैं शिकारी कुत्तों की गश्त है बिच्छुओं का पहरा है कोबरा ताक लगाये बैठे हैं
- वीर-वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी,विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी॥कोई पास न रहने पर भी, जन-मन मौन नहीं रहता;आप आपकी सुनता है वह, आप आपसे है कहता।
- न करू स्विच? क्यूं न करू स्विच? अंधियारी निशा का साया सप्ताह्तं संध्या पर काम का चरम दबाव वातानुकूलित लेब मे बैठ मेरा निशाचरी दिल सोचता हैं क्यूं न करू स्विच?? आउट डेटेड बोस के...
- प्रकट में मैंने कहा कि ना जी ना कॉलेज के ज़माने से निशाचरी रहे हैं और अब तो मुई इस ब्लॉगिंग की वज़ह से हर रात ही अपनी सुबह होती है और असली सुबह के दर्शन तो कभी कभार होते हैं।
- इस प्रकार गर्जना करता हुआ रावण उन्हें समझा रहा था कि तभी एक अत्यन्त विकरालरूपा निशाचरी दौड़ती हुई आई और रावण के शरीर से लिपट कर बोली, ” हे प्राणवल्लभ! आप इस कुरूप सीता के लिये क्यों इतने व्याकुल होते हैं?
- प्राचीन कथाओं में राक्षसों को भी रात में सक्रीय रहने वाले जीव बताया जाता था, इसलिए कभी-कभी “निशाचर” का अर्थ “राक्षस” निकाला जाता था, जैसा की मैथिलीशरण गुप्त की “पंचवटी” नाम की कविता में देखा जा सकता है-:“वीर-वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी, विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी॥”
- जब आप घरों में होते हैं, तो आपकी बेटियां, आपकी पत्नियां, आपकी की बहुएं, आपकी मांएं घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर चौराहों पर सुनसान राहों पर जाती हैं तो उनकी देह को नोचने के लिए, उनके मांस के लोथड़ों को झपट्टा मारकर खाने के लिए, उनके अंग-प्रत्यंग को भीचने-मसलने के लिए, तमाम हवस की हत्या की कामातुर निशाचरी निगाहें उनका पीछा करती हैं।
- मैने पुरजोर विरोध किया, “ अरे सुनिए, आप तो मार्निंग वॉक की बात करते-करते निशाचरी का प्रोग्राम बनाने लगे! रात में भी कोई घूमता है? मैं क्या रोगी-योगी हूँ? भोगी इतनी सुबह नहीं उठ सकता! कुत्ते ने काट लिया तो? शर्मा जी मेरी तरफ ऐसे देखने लगे जैसे कोई नकल मार कर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला विद्यार्थी, फेल विद्यार्थी को हिकारत की निगाहों से देखता है।