निशा निमंत्रण वाक्य
उच्चारण: [ nishaa nimentern ]
उदाहरण वाक्य
- संगीता जी, आपके इस गीत ने बच्चनजी के “ निशा निमंत्रण ” के गीतों की याद दिला दी! आपकी इस रचना को भी पढते ही स्वर देकर गाने की इच्छा हुई! फिर उलझ गया और कमेन्ट करने में पिछड गया! इस सुंदर कृति के लिए बधाई, धन्यवाद, और आभार! ऐसे ही, लिखती रहें! भोला एवं कृष्णा
- तेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967)
- हरिवंशराय बच्चन जो कि हिन्दी के विख्यात कवि थे, कौन अरे वो ही अपने एक्टर अमिताभ बच्चन जी के बाबूजी | उन्होनें बहुत सी कविताएं और रचनायें लिखीं जिनमें से मुख्य हैं मधुशाला, निशा निमंत्रण, सतरंगिनी, खादी के फूल, दो चट्टानें, आरती और अंगारे, मधुबाला, मधुकलश, प्रणय पत्रिका आदि | उन्होने हिन्दी कविता के इतिहास […]
- वहां घोंसले नंगे पाँव राजपथ पर जो रथ के पीछे दौड़ रहा है वह रखवाला राष्ट्रधर्म का राग द्वेष की इस बस्ती में बहक रहा है और दूर उन महलों का आँगन तोड़ी हुई कलियों के कारण महक रहा है निशा निमंत्रण के निनाद से हर सूरज के शंखनाद तक रणभेरी के राग बहुत हैं युद्धभूमि में खड़े हुए यह तो बतलाओ कौन कहाँ है? ”-राजीव चतुर्वेदी