नेमिचन्द्र जैन वाक्य
उच्चारण: [ nemichender jain ]
उदाहरण वाक्य
- प्रख्यात कवि, रंगालोचक एवं 'नटरंग' त्रैमासिक के संपादक और नटरंग प्रतिष्ठान के संस्थापक-निदेशक स्वर्गीय श्री नेमिचन्द्र जैन के जन्म दिवस पर नेमि निधि एवं नटरंग प्रतिष्ठान ने नेमिचन्द्र जैन स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया है।
- प्रख्यात कवि, रंगालोचक एवं 'नटरंग' त्रैमासिक के संपादक और नटरंग प्रतिष्ठान के संस्थापक-निदेशक स्वर्गीय श्री नेमिचन्द्र जैन के जन्म दिवस पर नेमि निधि एवं नटरंग प्रतिष्ठान ने नेमिचन्द्र जैन स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया है।
- अतः मेरे योग्यतम शिष्य श्री नेमिचन्द्र जैन ने बहुत ही विद्वतापूर्ण रीति से सरल, सुबोध उदाहरणादि से सुसज्जित सपरिशिष्ट कर एक हृदय-अनवद्य टीका के साथ इस ग्रन्थ को जनता जनार्दन के समक्ष प्रस्तुत किया है।
- मुक्तिबोध पुरस्कार ' की भी योजना उन्होंने बना रखी थी, जिसमें नेमिचन्द्र जैन, भारत भूषण अग्रवाल से ले कर नामवर सिंह आदि तक, निर्णायकों की पचमेल खिचड़ी थी, और पहला पुरस्कार वे धूमिल को देना चाहते थे।
- पत्रकारिता की प्रारम्भिक शिक्षा यहीं मिली नेमिचन्द्र जैन मेरे मन मे इलाहाबाद के लिए बहुत सम्मान और कृतज्ञता का भाव है, क्योंकि जो कुछ मैने यहां हासिल किया उससे मैं आगे के जीवन में अपने-आपको अधिक सार्थक काम में लगा सका।
- लूज़ निट ' समधियाने में शामिल हो गया था जिसके एक छोर पर नेमिचन्द्र जैन थे जिनकी बेटी रश्मि से अशोक वाजपेयी का विवाह हुआ था, दूसरे छोर पर रश्मि के मौसा भारत जी थे जिनकी भतीजी से कालिया का विवाह हुआ था।
- ('तीसरा सप्तक' से) आज फिर जब तुमसे सामना हुआ: नेमिचन्द्र जैन कितनें दिनों बाद आज फिर जब तुमसे सामना हुआ उस भीड़ में अकस्मात्, जहाँ इसकी कोई आशंका न थी, तो मैं कैसा अचकचा गया रँगे हाथ पकड़े गये चोर की भाँति ।
- शहर में हमारे यही कम्पनी बाग़ है। ('तीसरा सप्तक' से) आज फिर जब तुमसे सामना हुआ: नेमिचन्द्र जैन कितनें दिनों बाद आज फिर जबतुमसे सामना हुआउस भीड़ में अकस्मात्,जहाँ इसकी कोई आशंका न थी,तो मैं कैसा अचकचा गयारँगे हाथ पकड़े गये चोर की भाँति ।
- कवि समीक्षकों में अज्ञेय, मुक्तिबोध, शमशेर, विजयदेवनारायण साही, नेमिचन्द्र जैन, धर्मवीर भारती, अशोक बाजपेई, रघुवीर सहाय, विष्णु खरे, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, रमेशचंद्र शाह, मलयज, जगदीश गुप्त अजीत कुमार आदि खासतौर पर याद आते हैं ।
- इस सिलसिले में आयोजन की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए, अमृत राय ने ‘ साप्ताहिक हिन्दुस्तान ' में छपी नेमिचन्द्र जैन के ‘ चेतावनी भरे ' लेख के उत्तर में कहा था-” सम्मेलन के आवाहक खुले मन से सभी साहित्यकारों को आमन्त्रित करना चाहते हैं और कर रहे हैं।