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न्यायसूत्र वाक्य

उच्चारण: [ neyaayesuter ]

उदाहरण वाक्य

  1. जिन मतों का खंडन न्यायसूत्र में किया गया है, भगवान् बुद्ध आदि उन मतों के जन्मदाता नहीं हैं किंतु व्याख्याता एवं परिष्कर्ता मात्र हैं।
  2. अक्षपाद गोतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है।
  3. गौतम ने न्यायसूत्र में संधायसंभाषा का ही उल्लेख ' वाद' नाम से किया तथा जिसे चरक ने विगृह्यसंभाषा कहा, उसी का वर्गीकरण जल्प और वितण्डा में किया।
  4. अक्षपाद गोतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया [...] भारतीय दर्शन तर्कशास्त्र
  5. इसलिए गौतम के किये हुए अनुमान के वर्गीकरण के आधार पर अनुमान का अन्य प्रमाणों से भेद करने की कोशिश न्यायसूत्र के टीकाकारों ने की है।
  6. इसलिए गौतम के किये हुए अनुमान के वर्गीकरण के आधार पर अनुमान का अन्य प्रमाणों से भेद करने की कोशिश न्यायसूत्र के टीकाकारों ने की है।
  7. एक बात निश्चित है कि अक्षपाद के नाम से प्रचलित न्यायसूत्र न केवल प्राचीन नैयायिकों के लिए, बल्कि नव्य नैयायिकों के लिए भी एक प्रमाणभूत ग्रन्थ रहा।
  8. एक बात निश्चित है कि अक्षपाद के नाम से प्रचलित न्यायसूत्र न केवल प्राचीन नैयायिकों के लिए, बल्कि नव्य नैयायिकों के लिए भी एक प्रमाणभूत ग्रन्थ रहा।
  9. गौतम प्रणीत न्यायसूत्र के आखिरी हिस्से में जाति और निग्रह स्थान के बारे में जो सूत्र आए हैं, उनका विवरण उदयनाचार्याचार्य ने इस ग्रंथ में किया है।
  10. अक्षपाद गोतम या गौतम (३ ०० ई ०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है।
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  1. न्यायसंगत सुनवाई
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