पांडुरंग वामन काणे वाक्य
उच्चारण: [ paanedurenga vaamen kaan ]
उदाहरण वाक्य
- पंडित पांडुरंग वामन काणे ने लिखा है “ऐसा नहीं था कि वैदिक समय में गौ पवित्र नहीं थी, उसकी 'पवित्रता के ही कारण वाजसनेयी संहिता (अर्थात यजूर्वेद) में यह व्यवस्था दी गई है कि गोमांस खाना चाहिए”-धर्मशास्त्र विचार, मराठी, पृ 180) महाभारत में गौ गव्येन दत्तं श्राद्धे तु संवत्सरमिहोच्यते-अनुशासन पर्व, 88/5 अर्थात गौ के मांस से श्राद्ध करने पर पितरों की एक साल के लिए तृप्ति होती है मनुस्मृति में उष्ट्रवर्जिता एकतो दतो गोव्यजमृगा भक्ष्याः-मनुस्मृति 5/18 मेधातिथि भाष्य ऊँट को छोडकर एक ओर दांवालों में गाय, भेड, बकरी और मृग भक्ष्य अर्थात खाने योग्य है