पूआ वाक्य
उच्चारण: [ puaa ]
उदाहरण वाक्य
- गीत में उच्चारण स्पष्ट नहीं बूर या भूर पर जहाँ तक मेरी जानकारी है शायद गुड़ के चूरे से मतलब रहा होगा क्योंकि गुड़ के साथ आटे को सान कर पूआ बनता तो है।
- उपमन्यु द्वारा श्रद्धापूर्वक स्मरण करने पर वे प्रकट हुए और उसकी नेत्र ज्योति लौटाते हुए उसे एक पूआ खाने को दिया, जिसे गुरु की आज्ञा के बिना खाना उपमन्यु ने स्वीकार नहीं किया।
- किन्तु आज आजीविका से भी बढ़ कर जो आप क़ी स्नेहाभिभूत श्लाघापूर्ण भावाभिव्यक्ति के रूप में अति पावन होली के पर्व पर पूआ पूड़ी मिली उससे आकंठ भोजन हो गया. जीवेत शरदः शतम.
- दरअसल उन दिनों और आज भी मेरे गांव में दुर्गापूजा के अवसर पर चार-पांच दिनों तक पूरे गांव के लोगों एवं आसपास के गांव के ब्राह्मणों को पूआ-दूध खिलाने की परंपरा है।
- इसी होली में तो हमलोग जब ‘ जुगाड़ ' में घूम रहे थे, उसने अपने टाली वाले घर के सामने ‘ जुगाड़ ' रुकवाया था और हमलोगों को घर से लाकर पूआ, दहीबड़ा खिलाया था।
- हनुमान जयंती के दिन या किसी मंगलवार को तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
- काठक गृह्यसूत्र [167], जैमिनिय गृह्यसूत्र [168] एवं शांखायन गृह्यसूत्र [169] ने कहा है कि तीन विभिन्न अष्टकाओं में सिद्ध (पके हुए) शाक, मांस एवं अपूप (पूआ या रोटी) की आहुतियाँ दी जाती हैं।
- 15 शिप्रा और पूआ नाम दो इब्री धाइयोंको मिस्र के राजा ने आज्ञा दी, 16 कि जब तुम इब्री स्त्रियोंको बच्चा उत्पन्न होने के समय जन्मने के पत्यरोंपर बैठी देखो, तब यदि बेटा हो, तो उसे मार डालना; और बेटी हो, तो जीवित रहने देना।
- उन दिनो यह रिवाज था इधर बारिश की झडी लगी उधर घर-घर धधकते चूल्हो पर कडाइयों मे गर्म-गर्म पकोडे, मगोडी, पुए तले जाने लगते थे ऎसे मौसम मे बाबूजी कहा करते थे-भादों न खाई खीर, सावन न खाए पूआ अरे, मन काहे को-हुआ
- वाह वाह ताऊ हंसी हंसी में बहुत गहरी बात कर दी आपने...आज जिसके पास सच्चा हुनर है वो बिचारा भीख ही मांगता नज़र आता है...नक्काल खीर माल पूआ खाते नज़र आते हैं...दोनों ग़ज़लें कमाल की कहीं हैं इस पोस्ट में...आप भी अगर लेखन में आ गए तो मुझे अपना ब्लॉग बंद करके आपके ब्लॉग में शामिल होना पड़ेगा...गरीब के ब्लॉग पे तरस खाओ ताऊ...