पॄथ्वी वाक्य
उच्चारण: [ perrethevi ]
उदाहरण वाक्य
- • प्रत्येक मन्वन्तर के बाद, एक संधि-काल होता है, जो कि कॄतयुग के बराबर का होता है (1,728,000 = 4 चरण) (इस संधि-काल में प्रलय होने से पूर्ण पॄथ्वी जलमग्न हो जाती है.
- आओ एक काम करें इंटरनेट खँगालें और किसी पाठक को करें ईमेल देखें कि वह कहाँ है इस विपुला पॄथ्वी और अनंत आकाश के बीच कवि तो अब इंटरनेट पर है व्योम में विचर रहा है उसका काव् य.
- बाद के दिनों में प्रकाशित रात अब भी मौजूद है, बची हुई पॄथ्वी, घबराए हुए शब्द, भय भी शक्ति देता है-उस वक्त की राजनैतिक, आार्थिक और सामाजिक हलचलों, अन्तर्ध्वनियों का ही काव्यात्मक विस्फोट हैं।
- उससे उत्पन्न अहंकार के दो गुण होते हैं, बुद्धि के तीन, मन के चार, आकाश के पांच, वायु के छ, अग्नि के सात, जल के आठ और पॄथ्वी के नौ गुण मनुस्मॄति में बताये गये हैं ।
- आपातकाल में रात अब भी मौजूद है, बची हुई पॄथ्वी और घबराए हुए शब्द के माध्यम से उन्होंने चिडिया, माँ, पूल, चाँद, बच्चे और बलदेव खटिक जैसी रचनाएँ देकर एक बार हिंदी में इन शब्दों को ही मुहावरे में बदल दिया था।
- उस समय ब्रह्मा जी ने अपने मन से एक चक्र उत्पन्न करके ऋषियों कहा कि इस चक्र के पीछे चलकर उसका अनुकरण करो, जिस भूमि पर इस चक्र की नेमि (अर्थात मध्य भाग) स्वतः गिर जाये तो समझ लेना कि, पॄथ्वी का मध्य भाग वही है, तथा विश्व की सबसे दिव्य भूमि भी वही है।
- ऐसे भी शुरू हो सकती है पानी की कथा एक लड़की थी हल्की, नाज़ुक-सी और एक लड़का था हवाओं-सा, लहराता, दोनों डूबे जब आकण्ठ प्रेम में तब बना पानी वह पॄथ्वी का सबसे आदिम क्षण था, सृष्टि की सबसे पुरानी रासायनिक अभिक्रिया कि जहां दो तत्वों के मेल से एक यौगिक बना, उस आदिम क्षण …
- वॄष पॄथ्वी तत्व वाली राशि और भू मध्य रेखा से 20 अंश पर मानी गई है, वॄष, कन्या, मकर, का त्रिकोण, इनको शुक्र-बुध-शनि की पूरी योग्यता देता है, माया-व्यापार-कार्य, या धन-व्यापार-कार्य का समावेश होने के कारण इस राशि वाले धनी होते चले जाते है, मगर शनि की चालाकियों के कारण यह लोग जल्दी ही बदनाम भी हो जाते हैं.
- इनके जीवन में उम्र की 45 वीं साल के बाद दुखों का बोझ लद जाता है, और अपने को आराम में नही रखपाते हैं.वॄष पॄथ्वी तत्व वाली राशि और भू मध्य रेखा से 20 अंश पर मानी गई है,वॄष,कन्या,मकर, का त्रिकोण,इनको शुक्र-बुध-शनि की पूरी योग्यता देता है,माया-व्यापार-कार्य,या धन-व्यापार-कार्य का समावेश होने के कारण इस राशि वाले धनी होते चले जाते है,मगर शनि की चालाकियों के कारण यह लोग जल्दी ही बदनाम भी हो जाते हैं.गाने बजाने और अपने कंठ का प्रयोग करने के कारण इनकी आवाज अधिकतर बुलन्द होती है.