प्रजापति कश्यप वाक्य
उच्चारण: [ perjaapeti kesheyp ]
उदाहरण वाक्य
- प्रजापति कश्यप जब सन्ध्यावन्दन आदि से निवृत हुये तो उन्होंने अपनी पत्नी को अपनी सन्तान के हित के लिये प्रार्थना करते हुये और थर थर काँपती हुई देखा तो वे बोले, “हे दिति! तुमने मेरी बात नहीं मानी।
- प्रजापति कश्यप जब सन्ध्यावन्दन आदि से निवृत हुये तो उन्होंने अपनी पत्नी को अपनी सन्तान के हित के लिये प्रार्थना करते हुये और थर थर काँपती हुई देखा तो वे बोले, “हे दिति! तुमने मेरी बात नहीं मानी।
- मानकीकरण की इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए पहले छोटी छोटी शब्द सूचियाँ बनीं (जैसे वैदिक शब्दोँ वाला प्रजापति कश्यप का निघंटु … बाद मेँ तो हमारे यहाँ औषध आदि विष योँ के निघंटु हुआ करते थे.)
- प्रजापति कश्यप जब सन्ध्यावन्दन आदि से निवृत हुये तो उन्होंने अपनी पत्नी को अपनी सन्तान के हित के लिये प्रार्थना करते हुये और थर थर काँपती हुई देखा तो वे बोले, “ हे दिति! तुमने मेरी बात नहीं मानी।
- चित्रेश भारतीय संस्कृति में ‘ नाग ' एक देव हैं, लोक मानस में समादृत एवं पूज्य! वाल्मीकि रामायण के ‘ अरण्य कांड ' में एक कथा आती है, जिसके अनुसार सत्रहवें प्रजापति कश्यप की पुत्री कद्रु से नागों की उत्पत्ति हुई थी।
- संदर्भ: नाग पंचमी चित्रेश भारतीय संस्कृति में ‘ नाग ' एक देव हैं, लोक मानस में समादृत एवं पूज्य! वाल्मीकि रामायण के ‘ अरण्य कांड ' में एक कथा आती है, जिसके अनुसार सत्रहवें प्रजापति कश्यप की पुत्री कद्रु से नागों की उत्पत्ति हुई थी।
- जब प्रजापति कश्यप ने वैदिक शब्दों का संकलन ‘निघंटु ' बनाया और बाद में महर्षि यास्क ने संसार का सब से पहला ऐनसाइक्यलोपीडिक कोश ‘निरुक्त' बनाया. इसे पराकाष्ठा पर पहुंचाया छठी-सातवीं शताब्दी में अमर सिंह ने ‘अमर कोश' के द्वारा. और 1996 में जब समांतर कोश नाम से हिंदी थिसारस नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित किया तो हिंदी में बहुतेरे लोगों की आंखें फैल गईं.
- वह बताते हैं, “यह जो सही शब्द है और इस सही शब्द की तलाश है, इस के लिए भाषाई उपकरण बनाने का काम भारत मेँ हज़ारोँ साल पहले ही शुरू हो गया था, जब प्रजापति कश्यप ने वैदिक शब्दोँ का संकलन 'निघंटु' बनाया और बाद में महर्षि यास्क ने संसार का सब से पहला ऐनसाइक्लोपीडिक कोश 'निरुक्त' बनाया. इसे पराकाष्ठा पर पहुँचाया छठी-सातवीँ शताब्दी मेँ अमर सिंह ने 'अमर कोश' के द्वारा.”