फंस गए रे ओबामा वाक्य
उच्चारण: [ fens ga r obaamaa ]
उदाहरण वाक्य
- किसे अनुमान था कि आशुतोष गोवारीकर की फिल्म खेलें हम जी जान से को दर्शक देखने ही नहीं आएंगे और बगैर किसी पॉपुलर स्टार के बनी सुभाष कपूर की फिल्म फंस गए रे ओबामा को सराहना के साथ दर्शक भी मिलेंगे? फिल्मों का बिजनेस और दर्शकों की पसंद-नापसंद का अनुमान लगा पाना मुश्किल काम है।
- फंस गए रे ओबामा के बाद सुभाष कपूर ने एक फिर एक ऐसे विषय को छुआ है जो आम आदमी और कानून के बीच के रास्ते पर आने वाली मुसीबतों की दुनिया को दिखाता है लेकिन ये पुलिस और अदालतों और वकीलों के बीच दोषी आरोपियों के सच को दिखाती है जहाँ आम आदमी वकीलों और फैसलों के बीच फंसा रहता है।
- अपनी एक्टिंग, निर्देशन, लेखन से उन्होंने बालीवुड में एक नया मुकाम बनाया है.... “ स्टेनली का डिब्बा ”, “ भेजा फ्राई २ ”, “ फंस गए रे ओबामा ” जैसी मूवी में उन्होंने अपनी एक्टिंग का जहाँ लोहा मनवाया है वहीं “ कमीने ” जैसी मूवी में उन्हें शाहिदकपूर और प्रियंका चोपड़ा के साथ काम करने का मौका मिला....
- फिर भी इस भीड़ में “ गुजारिश ”, “ पीपली (लाइव) ”, “ माई नेम इज खान ”, “ इश्किया ”, “ तेरे बिन लादेन ” और “ फंस गए रे ओबामा ” जैसी फिल्मों ने उम्मीद जगाए रखी कि अब भी कुछ समर्पित फिल्मकार हैं, जो हमारे सिनेमा को बुलंदियों तक ले जाने का दमखम रखते हैं।
- फिल् म की अन् य विधाओं व अभिनय में पं. सत् यदेव दुबे, अशोक मिश्र, अनुराग बसु, सूरज (जाफर अली) फरिश् ता, गोपाल (जी. एम.) भटनागर, संदीप श्रीवास् तव, जयंत देशमुख, संजय बत्रा, शंकर सचदेव, सोमेश अग्रवाल, प्रसिद्ध वामन कलाकार राजनांदगांव के श्रीराम नत् थू दादा, ' फंस गए रे ओबामा ' वाले बस् तर के दिनेश नाग और रायगढ़ के स् वप्निल कोत्रीवार हैं।