बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ benkim chender chettopaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- इसमें राजा राम मोहन राय, ईशवर चन्द्र विद्यासागर, परिचन्द्र मित्रा, माईकल मदसूदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায় बॉङ्किम्चॉन्द्रो चॉट्टोपाद्धैय्), रवीन्द्र नाथ टेगोर ने अग्रणी भूमिका निभायी।
- इसी प्रयास के अंतर्गत इस बार हम सुना रहे हैं अमर-गीत “वंदे मातरम” और उसके रचयिता जाने-माने कथाकार, उपन्यासकार, चित्रकार, चिन्तक, कवि एवं गीतकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का परिचय।
- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म २ ६ जून, सन् १ ८ ३ ८ को उत्तरी चौबीस परगना के कन्थलपाड़ा में एक परंपरागत और समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था।
- बाद में क्षेपक के और पर में बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनन्द मठ की पृष्ठभुमि (मुस्लिम जमींदारों के खिलाफ) के कारण इस गीत को इस्लाम विरोधी करार देकर मुद्दा बनाया गया।
- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म १ ८ ३ ८ में एक परंपरागत और समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था उनकी पहली प्रकाशित बांग्ला कृति ' दुर्गेशनंदिनी ' मार्च १ ८ ६ ५ में छपी थी।
- इसी प्रयास के अंतर्गत इस बार हम सुना रहे हैं अमर-गीत “ वंदे मातरम ” और उसके रचयिता जाने-माने कथाकार, उपन्यासकार, चित्रकार, चिन्तक, कवि एवं गीतकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का परिचय।
- जन्मभूमि देवानंदपुर के समीप हुगली (पश्चिम बंगाल) में! 'बन्दे मातरम ‘के प्रणेता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने जहाँ प्रारंभिक शिक्षा आरंभ की उसी हुगली मोहसिन कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की उपाधि! प्रकाशित पुस्तकों में दो कहानी-संग्रह ' सिमटती दूरियां' और'एक अकेली'.
- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय सरकारी सेवा में थे और १ ८ ७ ० में जब अंग्रेजी हूकमत ने God save the King / Queen गाना अनिवार्य कर दिया तो इसके विरोध में वन्दे मातरम् गीत के पहले दो पैराग्राफ १ ८ ७ ६ में संस्कृत में लिखे।
- बाँग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (बंकिम चन्द्र चटर्जी) द्वारा रचित सुप्रसिद्ध गीत वन्दे मातरम् की लोकप्रियता के बाद भारतवर्ष के महान क्रान्तिकारी पं० रामप्रसाद 'बिस्मिल'की गजल सरफरोशी की तमन्ना ही वह अमर रचना है जिसे गाते हुए कितने ही देशभक्त फाँसी के तख्ते पर झूल गये।
- बाँग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (बंकिम चन्द्र चटर्जी) द्वारा रचित सुप्रसिद्ध गीत वन्दे मातरम् की लोकप्रियता के बाद भारतवर्ष के महान क्रान्तिकारी पं० रामप्रसाद 'बिस्मिल'की गजल सरफरोशी की तमन्ना ही वह अमर रचना है जिसे गाते हुए कितने ही देशभक्त फाँसी के तख्ते पर झूल गये।