बसानी वाक्य
उच्चारण: [ besaani ]
उदाहरण वाक्य
- यूरोपीय समाज में प्रचलित कई शब्द ऐसे हैं जिनकी आमद बरास्ता अंग्रेजी ज़बान न होकर पुर्तगाली ज़बान से हुई है क्योंकि अंग्रेजों से भी पहले पुर्तगालियों ने भारतीय तटों पर अपनी बस्तियां बसानी शुरू कर दी थी।
- फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने कहा है कि यह उसकी नीतियों की जीत है, साथ ही उसने चेतावनी दी है कि अगर इसराइल ने पश्चिमी तट में बस्तियाँ बसानी जारी रखीं तो उसका पुरज़ोर विरोध किया जाएगा.
- यूरोपीय समाज में प्रचलित कई शब्द ऐसे हैं जिनकी आमद बरास्ता अंग्रेजी ज़बान न होकर पुर्तगाली ज़बान से हुई है क्योंकि अंग्रेजों से भी पहले पुर्तगालियों ने भारतीय तटों पर अपनी बस्तियां बसानी शुरू कर दी थी।
- दुर्भाग्य से कृष्ण को भले ही मथुरा त्याग कर सौराष्ट्र में समुद्र किनारे द्वारिका बसानी पड़ी पर स्वयं कृष्ण विश्वमानव के लिये अद्भुत् शौर्य व साहस के प्रतीक हो कर स्तुत्य और उनकी नीतियाँ अनुकरणीय बन गयीं ।
- सामाजिक जीवन में यद्यपि ब्राह्मणों को अधिक अधिकार प्राप्त थे और अन्य वर्गों से अपना पार्थक्य दिखलाने के लिए उन्होंने अपनी अलग बस्तियाँ बसानी शु डिग्री कर दी थीं, फिर ना विभिन्न वर्गों के परस्पर संबंध कटु नहीं थे।
- सामाजिक जीवन में यद्यपि ब्राह्मणों को अधिक अधिकार प्राप्त थे और अन्य वर्गों से अपना पार्थक्य दिखलाने के लिए उन्होंने अपनी अलग बस्तियाँ बसानी शु डिग्री कर दी थीं, फिर ना विभिन्न वर्गों के परस्पर संबंध कटु नहीं थे।
- सामाजिक जीवन में यद्यपि ब्राह्मणों को अधिक अधिकार प्राप्त थे और अन्य वर्गों से अपना पार्थक्य दिखलाने के लिए उन्होंने अपनी अलग बस्तियाँ बसानी शु डिग्री कर दी थीं, फिर ना विभिन्न वर्गों के परस्पर संबंध कटु नहीं थे।
- फिर भी जज़्बा-ओ-अहसास में ताकत तो नई लानी होगी किसी तरह से हो नई बस्ती तो बसानी होगी सवाल ये है कि फिर से भरोसा कैसे काबिज़ हो किस जगह तलाशूं हमसफ़र जो मेरे वाजिब हो ………….. दिल के दर्द को खूबसूरती से बयाँ करती खूबसूरत रचना |
- 1977 ईसवी में अरगोन के लीडर मनाख़म बेगन ने प्रधानमंत्री बनते ही ग़ज़ा और शेष इलाक़े में जिनपर 1967 ईसवी में क़ब्ज़ा किया गया था, ज़मीनी हक़ाइक़ को बदलने के लिये तेज़ी से यहूदी बस्तियां बसानी शुरू कर दीं ताकि कोई उनसे इलाक़ा ख़ाली न करा सके ।
- कृष्ण सोचशून्य क्रांतियों के पक्षधर नहीं रहे अर्थात हर बार बंदूख ले कर लाल सलाम करने से ही बात नहीं बनती, हर बार हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर से निमित्त सिद्ध नहीं होते ; बल्कि कभी कभी मथुरा बचानी भी पडती है, कभी कभी अपने सोच की द्वारका बसानी भी होती है।