ब्रह्मचर्याश्रम वाक्य
उच्चारण: [ berhemcheryaasherm ]
उदाहरण वाक्य
- मान्यता है कि ' गिरह जाग' पर बालक चुन्डित मुन्डित हो एक कौपीन मात्र पहनकर ब्रह्मचर्याश्रम में प्रविष्ट करता है तथा विद्या अध्ययन के लिए काशी में अपने गुरु के पास जाता है।
- मान्यता है कि ' गिरह जाग' पर बालक चुन्डित मुन्डित हो एक कौपीन मात्र पहनकर ब्रह्मचर्याश्रम में प्रविष्ट करता है तथा विद्या अध्ययन के लिए काशी में अपने गुरु के पास जाता है।
- (5-7,8,9) कहने का मतलब स्पष्ट है कि स्वामी जी पूर्ण विद्वान, जितेन्द्रिय विषयभोग की कामना से रहित, महापुण्यात्मा सत्पुरूष थे, क्योंकि उन्होंने ब्रह्मचर्याश्रम से ही सीधे संन्यास ग्रहण किया था।
- प्राचीन काल में जिन्हें लोक सेवा का व्रत लेना होता था वे तो ब्रह्मचर्याश्रम से सीधे ही लोक सेवा के क्षेत्र में उतर पड़ते थे और गृहस्थ व्यक्ति यदि लोकसेवा करना चाहते तो पारिवारिक उत्तरदायित्वों से मुक्त हो जाते थे।
- [11] छान्दोग्योपनिषद में ब्रह्मचर्याश्रम का भी वर्णन हुआ है, जहाँ पर विद्यार्थी (ब्रह्मचारी) अपने अन्तिम दिन तक गुरुगेह में रहकर शरीर को सुखाता रहा है *, यहाँ पर नैष्ठिक ब्रह्मचारी की ओर संकेत है।
- परन्तु ब्रह्मचर्याश्रम में लड़कियों की शिक्षा का कोई ज़िक्र नहीं तथा वानप्रस्थाश्रम में कोई भी साठ वर्षीय व्यक्ति वनों में जा कर झोंपड़ी में रहेगा और शास्त्राध्ययन करता रहेगा, जब कि उस की पत्नी का कोई उल्लेख उस में नहीं है.
- डॉक्टर बोले, तुमसे तो मैंने अनेक बार कहा है कि जो लोग देश की भलाई करने वाले हैं, वे चंदा इकट्ठा करके अनाथ आश्रम, ब्रह्मचर्याश्रम, वेदांत आश्रम, दरिद्र भंडार आदि तरह-तरह के लोक हितकारी कार्य कर रहे हैं।
- ' ' ब्रह्मचर्याश्रम ' ' इस नाम से ही ध्वनित होता है कि मानव की वह स्थिति है, जिसमें कि ब्रह्म में,, विराट पुरुष में, विश्वात्मा में भ्रमण करना, उसके प्रति अपने को समर्पित करना सिखाया जाता है ।।
- परन्तु ब्रह्मचर्याश्रम में लड़कियों की शिक्षा का कोई ज़िक्र नहीं तथा वानप्रस्थाश्रम में कोई भी साठ वर्षीय व्यक्ति वनों में जा कर झोंपड़ी में रहेगा और शास्त्राध्ययन करता रहेगा, जब कि उस की पत्नी का कोई उल्लेख उस में नहीं है.
- अतः ऋषियों ने मनुष्य को शतायु होने के लिए सर्वप्रथम २ ५ साल तक ब्रह्मचर्याश्रम में रहने की आज्ञा दी, जिससे शक्ति संचय, स्वास्थ्य, तेज, बल स्फूर्ति आदि की वृद्धि होकर सौ वर्ष तक के सुखी जीवन का निर्माण होता है ।।