भीगी पलकें वाक्य
उच्चारण: [ bhigai pelken ]
उदाहरण वाक्य
- श्रोता सखियों की फरमाइश पर कुछ पुराने समय के लोकप्रिय गीत इन फिल्मो से सुनवाए गए-कामचोर, कारवां, भीगी पलकें, मोहरा और दिल तो पागल हैं फिल्म से यह सावन राजा का गीत सुनना अच्छा लगा-
- जहां उनकी बाज़ार, भीगी पलकें, अर्थ, अर्ध सत्य और मंडी जैसी कलात्मक फ़िल्में सराही गईं, वहीं दर्द का रिश्ता, आख़िर क्यों, ग़ुलामी, अमृत और नज़राना, नमक हलाल और शक्ति जैसी व्यवसायिक फ़िल्में भी लोकप्रिय हुईं.
- तेलंगाना आन्दोलन के प्रति उनके मन में सहानुभूति थी जहाँ ' जईफ मायें, जवान बहनें झुके हुए सर उठा रहीं हैं, सुलगती नजरों की ऑंच में भीगी भीगी पलकें सुखा रहीं हैं, लहू भरी चोलियों, फटे ऑंचलों से पर्चम बना रहीं हैं, तराना-ए-जंग गा रहीं हैं.
- नाईट इन लन्दन, दस्तक, एक कलि मुस्काई फिल्मो के गीतों के साथ यह गीत भी शामिल थे-भीगी पलकें न उठा दिन जुदाई के गुजर जाएगे वक़्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते उडी जब जब जुल्फे तेरी 3:30 बजे नाट्य तरंग कार्यक्रम रसमय रहा।
- अच्छा सजीव, यह गीत जिस तरह से शुरु होता है कि “जागी जागी सोयी ना मैं सारी रात तेरे लिए, भीगी भीगी पलकें मेरी उदास तेरे लिए, अखियाँ बिछाई मैंने तेरे लिए, दुनिया भुलाई मैंने तेरे लिए, जन्नतें सजाई मैंने तेरे लिए, छोड़ दी ख़ुदाई मैंने तेरे लिए”;
- रफी: जिंदगी है तो मिल के ही रहेंगे गले जा रही है बहारें तो जाने भी दे लता: दो ही दिन तो मिले जिंदगानी के दिन क्या ये दो दिन भी यूँ ही गुजर जाएँगे रफी: भीगी पलकें उठा/लता: जब तलक... रफी: भीगी पलकें उठा।
- रफी: जिंदगी है तो मिल के ही रहेंगे गले जा रही है बहारें तो जाने भी दे लता: दो ही दिन तो मिले जिंदगानी के दिन क्या ये दो दिन भी यूँ ही गुजर जाएँगे रफी: भीगी पलकें उठा/लता: जब तलक... रफी: भीगी पलकें उठा।
- तेलंगाना आन्दोलन के प्रति उनके मन में सहानुभूति थी जहाँ ' जईफ मायें, जवान बहनें झुके हुए सर उठा रहीं हैं, सुलगती नजरों की ऑंच में भीगी भीगी पलकें सुखा रहीं हैं, लहू भरी चोलियों, फटे ऑंचलों से पर्चम बना रहीं हैं, तराना-ए-जंग गा रहीं हैं.
- 13 किया उजाला काजल भी उगला दीप जो जला 14 दुखों की झड़ी मन और दामन भिगोती रही 15 चप्पू न कोई उमर की नदिया बहती गई 16 भीगी पलकें रात की शबनम ये तेरे आँसू 17 मन निर्मल सागर-सा गहरा प्यार है तेरा 18 गाँव पुराना क्या सँवर गया या रहा उजड़
- अच्छा सजीव, यह गीत जिस तरह से शुरु होता है कि “ जागी जागी सोयी ना मैं सारी रात तेरे लिए, भीगी भीगी पलकें मेरी उदास तेरे लिए, अखियाँ बिछाई मैंने तेरे लिए, दुनिया भुलाई मैंने तेरे लिए, जन्नतें सजाई मैंने तेरे लिए, छोड़ दी ख़ुदाई मैंने तेरे लिए ” ;