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भ्रमरगीत वाक्य

उच्चारण: [ bhermergait ]

उदाहरण वाक्य

  1. कछू कहत कछुवै कहि डारत, धुन देखियत नहिं नीकी इस भ्रमरगीत का महत्व एक बात से और बढ़ गया है।
  2. सूरदास की कविता में जो उद्धव-गोपी संवाद अथवा भ्रमरगीत प्रसंग है, वहां से इस संघर्ष के संकेत मिलने लगते हैं।
  3. 10. इस काव्य में रसमयी उक्तियों के लिए तथा साकार ईश्वर के प्रतिपादन के लिए भ्रमरगीत लिखने की परंपरा प्राप्त होती है।
  4. भ्रमरगीत की व्यापार से जुडी शब्दावली यह प्रदर्शित करती है कि सूर के समय में यह द्वन्द्व काफी तीव्र हो गया होगा।
  5. 9. सूर का भ्रमरगीत वियोग-श्रृंगार का ही उत्कृष्ट ग्रंथ नहीं है, उसमें सगुण और निर्गुण का भी विवेचन हुआ है।
  6. 10. इस काव्य में रसमयी उक्तियों के लिए तथा साकार ईश्वर के प्रतिपादन के लिए भ्रमरगीत लिखने की परंपरा प्राप्त होती है।
  7. 10. इस काव्य में रसमयी उक्तियों के लिए तथा साकार ईश्वर के प्रतिपादन के लिए भ्रमरगीत लिखने की परंपरा प्राप्त होती है।
  8. इसी तरह हिंदी कृष्णकाव्य (उद्धवशतक, प्रियप्रवास आदि) में भ्रमरगीत परंपरा के अंतर्गत दूतकाव्य या संदेशकाव्य के कुछ बीज मिल जाएँगे।
  9. भ्रमरगीत से ”-सूरदास निर्गुण कौन देस को वासी, मधुकर! हंसि समुझाय, सौहं दै, बूझत सांच न हाँसी।
  10. सूर के अनुसार योग, ज्ञान और निर्गुण का केन्द्र है काशी।' भ्रमरगीत में बार-बार काशी को निर्गुण ज्ञान और योग का गढ कहा गया है।
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के आस-पास के शब्द

  1. भ्रमणकारियों के लिये पथप्रदर्शक पुस्तक
  2. भ्रमणकारी
  3. भ्रमणशील
  4. भ्रमणशील जीवन
  5. भ्रमन
  6. भ्रमरगीत सार
  7. भ्रमरगीतसार
  8. भ्रमात्मक
  9. भ्रमासक्ति
  10. भ्रमि
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