मठी वाक्य
उच्चारण: [ methi ]
उदाहरण वाक्य
- लोहिया की बहुचर्चित टिप्पणी-गांधीवादी तीन तरह के हैं-सरकारी गांधीवादी (नेहरूवादी), मठी गांधीवादी (विनोबावादी) और कुजात गांधीवादी (लोहियावादी)-इस रिश्ते को रेखांकित करती है।
- डॉ. राम मनोहर लोहिया ने एक बार गॉंधीवादियों का विश्लेषण करते हुये कहा था कि देश में तीन प्रकार के गॉंधीवादी है, एक-सरकारी गॉंधीवादी, दूसरे मठी गॉंधीवादी और तीसरे कुजात गॉंधीवादी।
- बाकी शासक वर्ग के नुमाइंदों, जिन्हें ओबामा से इंटरेक्ट करने का मौका मिला, और सरकारी व मठी गांध्ीवादियों के व्यवहार में हमें ओबामा की गांधी-प्रशंसा के संदर्भ में विशेष उल्लेखनीय कुछ नहीं लगता है।
- मठी गांधीवाद बराबर निःशस्त्रीकरण की, एक तरफा निःशस्त्राhकरण की, भी बात करता रहा है, और साथ ही पलटन को कायम रखने और बढाने वाले सरकारी गांधीवाद से अपनी जरूरत भर को या और ज्यादा पैसा और अन्य साधन लेता रहा है।
- मठी गांधीवाद क्षण-क्षण में बात बदलता है, एक तरफा निःशत्रीकरण, मध्यस्थता, प्रतिरक्षा की तैयारी, पंच फैसला, पीकिंग की पदयात्रा, द्विपक्षी बातचीत, आण्विक परीक्षणों पर पाबंदी, कुछ ऐसे ही जैसे कोई बन्दर एक डाल से दूसरी डाल पर उछलता फिरे।
- यूरोप-अमरीका के लोग या तो जल्दबाजी में और भारत सरकार के पैसे और पंभाव से भ्रष्ट होकर मठी गांधीवाद का सही मूल्यांकन करने में असफल रहे हैं, या फिर महात्मा गांधी के नाम का असर उन पर इतना ज्यादा रहा है कि वे गांधीजी के उनराधिकारियों को परखने में असमर्थ रहे हैं।
- मठी लोहियावादियों में वे लोग शामिल है जो लोहिया के नाम के मठ बनाकर बैठे हैं, उनके विचारों का प्रचार भी करते हैं, अपने जीवन को भी शुचितापूर्ण ढंग से जीते है परन्तु लोहिया के विचार के अनुसार राजनीति में न तो शिरकत करते हैं और ना ही राजनैतिक बदलाव का प्रयास करते हैं।
- हम जैसे लोग चाहते तो यही थे कि जनेश्वर जी मूर्ति भंजक ही बने रहते और मठी स्थापनाओं के खिलाफ सिविल नाफरमानी का झंडा लिये वह अपने गुरू लोहिया से भी आगे निकल गये होते-लेकिन वह कर्महीन बौद्धिक हो चुके थे और यह भी कि लोहिया से लेकर रघुवीर सहाय, सर्वेश्वर और विजयदेव नारायण शाही तक को समझने के विकसित नजरिये की खिड़की भी।
- भाटियों ने छह मील की सीमा में माता जी के बारह थान (स्थान) का निर्माण करवाया जो आज भी रोईडे का थान, तलेटी का थान, बेर का थान, तोरणिये का थान, मठी का थान, ढोक का थान, धोरी मठ वीरातरा, खिमल डेरो का थान, भीयड़ भोपे का थान, नव तोरणिये का थान एवं बांकल का थान के नाम से जाने जाते हैं।
- क्षेत्र में सड़क मार्ग धर्मपुर सतरेहड़, धर्मपुर मठी बनवार, धर्मपुर से बरोटी वाया सरसकान, धर्मपुर से बरोटी वायां रड़ा रखेड़ा, धर्मपुर से पैहड वाया कौंसल, धर्मपुर से सरी, धर्मपुर से बिंगा, धर्मपुर से ललाणा मढ़ी, झंगी से भूर, धर्मपुर से झरेड़ा, धर्मपुर से लगेंहड़, धर्मपुर से कलस्वाई, धर्मपुर से ध्वाली वायां बरडाना, धर्मपुर से मनुधार, धर्मपुर से कोट, धर्मपुर से ततोहली परडाना, धर्मपुर से खनौड़ वायां स्योह, धर्मपुर से परयाल इत्यादि संपर्क सड़कें बाधित रही।