मदनलाल ढींगरा वाक्य
उच्चारण: [ mednelaal dhinegaraa ]
उदाहरण वाक्य
- मदनलाल ढींगरा ने जब कर्जन वायली की हत्या की तब स्वराज के प्रकाशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया जिसकी वजह से बिपिन चंद्र पाल को मानसिक और आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचा.
- हुतात्मा मदनलाल ढींगरा के सम्बन्ध में उन्होंने एक लेख में लिखा था-” इस अमर वीर के शब्दों एवं कृत्यों पर शतकों तक विचार किया जायेगा जो मृत्यु से नव-वधू के समान प्यार करता था।
- उन्हीं से प्रेरित होकर पंजाब से पहुंचे मदनलाल ढींगरा ने १ ९ ० ९ में कर्ज़न वायली की हत्या कर दी, जिसके कारण उन्हें डेढ़ महीने के भीतर ही लंदन में फांसी दे दी गई।
- अमर शहीद मदनलाल ढींगरा महान देशभक्त, धर्मनिष्ठ क्रांतिकारी थे-वे भारत माँ की आज़ादी के लिए जीवन-पर्यन्त प्रकार के कष्ट सहन किए परन्तु अपने मार्ग से विचलित न हुए और स्वाधीनता प्राप्ति के लिए फांसी पर झूल गए।
- मदनलाल ढींगरा ने फाँसी से पूर्व कहा था-” मेरे राष्ट्र का अपमान परमात्मा का अपमान है और यह अपमान मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता था अत: मैं जो कुछ कर सकता था वही मैंने किया।
- अंग्रेजों ने भारतीय नवयुवकों का मनोबल गिराने तथा मदनलाल ढींगरा द्वारा कर्नल वायली पर गोली चलाने की निंदा कराने की दृष्टि से 5 जुलाई 1909 को लंदन के कैक्सटन हॉल में विशाल सभा का आयोजन किया गया, उसमें कुछ अंग्रेज भक्त भारतीय भी ढींगरा का विरोध कर अपनी स्वामी भक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे।
- कुछ अंग्रेज-भक्त भारतीयों ने इस घटना की सार्वजनिक निंदा की शोकसभा रखी तो सावरकार ने उन शोकसभाओं का पुरजोर विरोध कर अपने न केवल अदम्य साहस का परिचय दिया अपितु “ टाईम्स ” में एक लेख लिखकर यह स्पष्ट तक कर दिया कि जब तक मदनलाल ढींगरा का केस अदालत में है उसे अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता।