मदारपुर वाक्य
उच्चारण: [ medaarepur ]
उदाहरण वाक्य
- मदारपुर, अल्लापुर, शम्भूनगला, बराबिकू, पैथान, उलियापुर, पदमनगला, आजमपुर, हजियाँपुर, किन्नर नगला, हजरतपुर, ललई, नवाबगंज, मंझना, रसीदाबाद, बरई, बेला(गाँव), हरसिंहपुर गोवा, रसीदाबाद, रुटॉल, लुखड़पुरा, मुराठी, रमापुर, फरीदपुर, गठवाया, सिलसंडा, बिराइमपुर, परौली, भटासा, अंगरैया,
- और जिस मदारपुर के भूमिहार ब्राह्मणों का वर्णन आया है वह भी कानपुर जिले में गंगा से उत्तर ही हैं, और धर्मारण्य का नाम मेहेर भी है, क्योंकि लिखा है कि:
- और यदि हारने पर ही नाम पड़ा तो जब मदारपुर के अधिपति थे उस समय लड़ाई से पूर्व काल में वे लोग क्योंकर भूमिहार कहे गए? और पीछे भी भूमिहार क्यों कहा गया? क्योंकि
- निरंजन के ' नक्सली महिला ' उपन्यास का लोकार्पण-अनाम साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था, दर मंगा के तत्वाधान में वरिष्ठ कवि-कथाकार निरंजन के 75 वें जन्मदिन के सुअवसर पर मदारपुर, दरमंगा में विचार-सह-कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
- उन्होंने बताया कि 27 मई को एकमा, रबड़गंज, भगवानपुर हाती में आम सभा को संबोधित करेंगे तथा भगवानपुर हाती से देवरिया, बहरौली, मदारपुर, पकड़ी, खजुरी होते हुए मशरख तक रोड शो करेंगे।
- भूमिहार ब्राह्मणों के इतिहास को पढने से पता चलता है की अधिकांश समाजशास्त्रियों ने भूमिहार ब्राह्मणों को कान्यकुब्ज की शाखा माना है. भूमिहार ब्राह्मन का मूलस्थान मदारपुर है जो कानपुर-फरूखाबाद की सीमा पर बिल्हौर स्टेशन के पास है..
- 127. लाल चाय-धनेश्वर प्रसाद निरंजन, कहानी संग्रह, कुमार प्रकाशन, निरंजन निवास, मदारपुर दरभंगा, सं0 1997 ई0. 128. लाल बंगला-संजीव जायसवाल ‘संजय बाल उपन्यास, विजय प्रकाशन दरियागंज, नई दिल्ली, सं0-2000 ई0. 129. लेखनी चलती रहेगी-साकेत सुमन चतुर्वेदी, काव्य संग्रह (प्रकाशित),
- गत 14 जून 2011 को हमीरपुर जिले के मदारपुर गांव में एक अजीब घटना हुयी रात्रि में 700 मीटर लम्बाई में धरती फट गयी जिसकी चैड़ाई ढाई मीटर तक पायी गयी जबकि गहराई 8 से 10 फीट तक है।
- अत: जिस राजधनी में वे रहते थे, वह मेहेरपुर कहलाते-कहलाते मदारपुर कहलाने लगी और चूँकि वे लोग राजा या जबरदस्त थे, इसी से यवनों ने उनसे युद्ध किया क्योंकि साधारण लोगों से राजा लोग युद्ध नहीं करते।
- इसलिए जो लोग ऐसी कुकल्पना करते हैं कि ' जब मदारपुर के ब्राह्मण लोग भूमि को हार गए, तो उनका नाम भूमिहार पड़ा ' वह अज्ञानपूर्ण हैं क्योंकि व्याकरणादि भी इस अर्थ की पूर्वोक् त रीति से स्थान नहीं दे सकते।