मधुसूदन दास वाक्य
उच्चारण: [ medhusuden daas ]
उदाहरण वाक्य
- ंद्र · मंचित · मधुसूदन दास · मनियार सिंह · कृष्णदास · गणेश कवि · सम्मन · ठाकुर असनी · ठाकुर असनी दूसरे · ठाकुर बुंदेलखंडी · ललकदास · खुमान · नवलसिंह · रामसहाय दास · चंद्रशेखर कवि · दीनदयाल गिरि · पजनेस · गिरिधरदास · द्विजदेव
- ंद्र · मंचित · मधुसूदन दास · मनियार सिंह · कृष्णदास · गणेश कवि · सम्मन · ठाकुर असनी · ठाकुर असनी दूसरे · ठाकुर बुंदेलखंडी · ललकदास · खुमान · नवलसिंह · रामसहाय दास · चंद्रशेखर कवि · दीनदयाल गिरि · पजनेस · गिरिधरदास · द्विजदेवछायावादी कवि
- वर्ष 1993 में जलपाईगुड़ी के कुमारग्राम प्रखंड के दक्षिण पुखुरी गांव में छात्रनेता तघीर दास उर्फ़ जीवन सिंह, आत्मसमर्पण कर चुके कॉडर मधुसूदन दास उर्फ़ टार्जन, असम से आए उर्लें नेता भास्कर कालिता एवं अजय घोषाहारी के बीच एक बैठक हुई, जिसमें कामतापुरी रिवोल्युशनरी स्टूडेंट्स यूनियन का गठन हुआ.
- कावेरी दफ्तर का कोच है जिसमें निदेशक सुब्बराव जी, सचिव, रणसिंह परमार, जन संपर्क अधिकारी लिसी भरुचा, रामकृष्ण (एकाउंट्स) मधुसूदन दास, विद्युत प्रकाश, देवेंद्र गौड़, दीपक लामा जैसे लोग रहते हैं जिनके जिम्मे दफ्तर चलाने की अलग अलग जिम्मेवारियां हैं।
- लनाथ · गोपीनाथ · मणिदेव · बोधा · रामचंद्र · मंचित · मधुसूदन दास · मनियार सिंह · कृष्णदास · गणेश कवि · सम्मन · ठाकुर असनी · ठाकुर असनी दूसरे · ठाकुर बुंदेलखंडी · ललकदास · खुमान · नवलसिंह · रामसहाय दास · चंद्रशेखर कवि · दीनदयाल गिरि · पजनेस · गिरिधरदास · द्विजदेव
- लनाथ · गोपीनाथ · मणिदेव · बोधा · रामचंद्र · मंचित · मधुसूदन दास · मनियार सिंह · कृष्णदास · गणेश कवि · सम्मन · ठाकुर असनी · ठाकुर असनी दूसरे · ठाकुर बुंदेलखंडी · ललकदास · खुमान · नवलसिंह · रामसहाय दास · चंद्रशेखर कवि · दीनदयाल गिरि · पजनेस · गिरिधरदास · द्विजदेवछायावादी कवि
- अत: ईश्वर के अति निकट दिव्य शक्तियों से विभूषीत राज ऋषि मधुसूदन दास जी महाराज, जो की श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के संस्थापक होने के साथ ही सुविख्यात निर्वाणी अखाड़े के ख़ालसा के श्री महंत भी हैं, को सूक्ष्म ईश्वरीय चेतना द्वारा यह दिव्य निर्देश पाप्त हुआ है की-संपूर्ण आर्यवृत में बिखरी हुई व दिशाहीन क्षत्रिय शक्तियों को खोए हुए गौरव को पुन:
- अत: ईश्वर के अति निकट दिव्य शक्तियों से विभूषीत राज ऋषि मधुसूदन दास जी महाराज, जो की श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के संस्थापक होने के साथ ही सुविख्यात निर्वाणी अखाड़े के ख़ालसा के श्री महंत भी हैं, को सूक्ष्म ईश्वरीय चेतना द्वारा यह दिव्य निर्देश पाप्त हुआ है की-संपूर्ण आर्यवृत में बिखरी हुई व दिशाहीन क्षत्रिय शक्तियों को खोए हुए गौरव को पुन:
- जागरण संवाददाता, राउरकेला: वैशाखी साहित्य संसद का वार्षिकोत्सव उदितनगर आइटीडीए हाल में आयोजित हुआ। ओडिया भाषा की सांस्कृतिक स्थिति एवं भविष्य पर संगोष्ठी हुई जिसमें मुख्य अतिथि एनआइटी के पूर्व अध्यक्ष डा. सोमनाथ मिश्र ने कहा कि मधुसूदन दास व गोपबंधु दास की दूर दर्शिता के कारण ओडिया भाषा का प्रचार प्रसार हुआ। पर आधुनिकता के दौर में अंग्रेजी भाषा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है जो ओडिया भाषा व संस्कृति के लिए खतरा है। वैशाखी साहित्य संसद के वार्षिकोत्सव में सम्मानित अतिथि महेन्
- अत: अब यह सभी प्रबुद्ध नागरिक,मनीषी,साधू-जन एवं समस्त मानव-जाति का परम कर्तव्य है कि “क्षात्र-धर्मं को पुनर्स्थापित कर इस सृष्टि को समस्त चर-अचर जीवो के रहने योग्य बनाया जा सके”! “ जय क्षात्र-धर्मं ” “कुँवरानी निशा कँवर नरुका ” [राजस्थान] श्री क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन वीरभूमी चित्तोड द्वितीय क्षत्रिय मंथन शिबिर का आयोजन...! सम्मानीय क्षत्रिय बंधु जय संघ शक्ति....! मुझे “श्री क्षत्रिय वीर ज्योति” के संस्थापक राज ऋषि मधुसूदन दास जी महाराज द्वारा आप जैसे चुनिंदा क्षत्रिय सरदारो के साथ संपर्क करने हेतु निर्देशित किया गया है!