मरमत वाक्य
उच्चारण: [ mermet ]
उदाहरण वाक्य
- ओर यह किसान मिल कर इस लेबर सरदार को मारते क्यो नही ऎसा होने पर (मारते मतलब उस की मरमत से) बस एक बार अच्छी मरमत कर दे तो बाकी लेबर सरदारो को अपने आप अकल आ जाये
- ओर यह किसान मिल कर इस लेबर सरदार को मारते क्यो नही ऎसा होने पर (मारते मतलब उस की मरमत से) बस एक बार अच्छी मरमत कर दे तो बाकी लेबर सरदारो को अपने आप अकल आ जाये
- हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद जबलपुर से मात्र 100 किलोमीटर दूर स्थित कटनी तक जाने के लिए सड़क की पर्याप्त मरमत नहीं की गई है, जिससे सड़क पर इतने बड़े गड्ढे हो गए हैं कि छोटे वाहन उनमें ही समा जाएं।
- ग्रामीणों की समस्या जान कर तत्काल घोषनाये कर रहे है ग्राम सुराज अभियान में वे मंगल भवन, स्टॉप डेम, प्राथमिक,उच्तर माध्यमिक, मिडिल शालाये, शाला भवन, कालेज,आगन बड़ी, आगनबाडी भवन हेंड पम्प, सड़क पुलिया, बिजली, नहर मरमत तालाब गहरीकरण,
- परन्तु आज सप्रंग सरकार के अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के करीबी अर्थशास्त्री मोंटेकसिंह जो योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी हैं, की सरपरस्ती में उनके कार्यालय योजना भवन में 35 लाख रूपये लागत के दो टायलेट की मरमत व नवीनीकरण में ही शाही खर्चा करके 35 लाख रूपया खर्चा किया गया।
- गरीब जनता को 28 रूपये में अमीर मानने वाले, 3200 रूपये में टायलेट बनाने के लिए काफी समझने वाले व 35000 रूपये में इंदिरा आवास बनाने के लिए काफी मानने वाले मनमोहन सिंह व मोंटेक की सरकार ने योजना आयोग में 35 लाख में दो टायलेटों की मरमत व शाहीकरण करने में बहाते जरा भी लज्जा नहीं आयी।
- अविविनिलि अजमेर ने जानकारी दी की प्रशिक्षण के तृतीय दिवस गुरूवार को प्रायोगिक प्रशिक्षण रखा गया है, जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षणार्थियों को 33 / 11 केवी सब स्टेशन हाथीभाटा पावर हाऊस पर सुरक्षा सबन्धी एवं सुरक्षा उपकरणों के उपयोग व विद्युत दुर्घटना रोकने संबंधी प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा दोपहर बाद ट्रांसफार्मर मरमत संबंधी भौतिक प्रशिक्षण एवं मदार स्थित मीटर लैब व मीटर टेस्टिंग के बारें में प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- सड़क निर्माण कम्पनी मधुकान के कार्य में गोलमाल की कुछ लाइव फोटो विडियो सड़क से संबन्धित सभी विभाग, अधिकारी जिला प्रशासन को भेजा था, कुछ जाँच हुई खानापूर्ति की खबर भी आई मुझे भी खरीदने की कोशिस की गयी, पता नहीं कौन कौन बिका और किसने गंगा में हाँथ धोया, कार्यवाही के नाम पर सड़क में कुछ मरमत कराये गए मगर कम्पनी के गोलमाल और बईमानी ने एक बार फिर अपना रंग दिखा दिया है ।
- हम तो यह कहना चाहते हैकी की ये जो कोशी की बढ़ आई है यह सब लापरवाही के वाज़ह हुआ है जिस के चलते आज बिहार की लाखों लोग ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहें हैं | कास अगर सही वक़्त पर इसका मरमत कर लिया जाता तो आज ऐसा दिन नही देखना पड़ता| यह तो सभी को पता था की जिस दिन कोशी की बाँध टूटेगी उस दिन पूरे कोशी बेल्ट एक बार फिर कोसी नदी मे समाजाएेगी |