मालकांगनी वाक्य
उच्चारण: [ maalekaanegani ]
उदाहरण वाक्य
- परिचय: मालकांगनी की बेल भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषकर कश्मीर और पंजाब आदि में अधिक मात्रा में पाई जाती है।
- मलहम (ऑइन्टमेंट): मालकांगनी के तेल तथा अश्वगंधा के साथ लिंग को लौहलठ, पुष्ट तथा बलिष्ठ बना सकते है।
- मालकांगनी को कालीमिर्च के बारीक चूर्ण के साथ पीसकर दाद पर मालिश करने से कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जाता है।
- 6. मालकांगनी: लगभग 250 ग्राम मालकांगनी को गाय के घी में भूनकर, इसमें 250 ग्राम शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें।
- 6. मालकांगनी: लगभग 250 ग्राम मालकांगनी को गाय के घी में भूनकर, इसमें 250 ग्राम शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें।
- सुबह खाली पेट ५ (पांच) मिली. मालकांगनी का तेल सेवन करा दें शेष सभी दवाएं खाली पेट न दें ।
- गोली लगने पर: गोली लगे घाव को रोजाना मालकांगनी (ज्योतिष्मती) के बीजों को पीसकर लेप करने से घाव बहुत जल्दी ही भर जाता है।
- लिंग वृद्धि: भुने सुहागे को पीसकर मालकांगनी के तेल में मिलाकर लिंग पर सुबह-शाम मालिश करने से लिंग में सख्तपन और मोटापन बढ़ता है।
- मासिक-धर्म अवरोध: मालकांगनी के पत्ते तथा विजयसार की लकड़ी दोनों को दूध में पीस-छानकर पीने से बंद हुआ मासिक-धर्म दुबारा शुरू हो जाता है।
- शरीर को ताकतवर और शक्तिशाली बनाना: लगभग 250 ग्राम मालकांगनी को गाय के घी में भूनकर, इसमें 250 ग्राम शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें।