मैक्स मूलर वाक्य
उच्चारण: [ maikes muler ]
उदाहरण वाक्य
- एक शताब्दी से भी पहले प्रिसद्ध जर्मन भारतिवद मैक्स मूलर (१८२३-१९००) ने अपने साइंस आफ थाट में कहा-“मैं निर्भीकतापूर्वक कह सकता हूँ कि अंग्रेज़ी या लैटिन या ग्रीक में ऐसी संकल्पनाएँ नगण्य हैं जिन्हें संस्कृत धातुओं से व्युत्पन्न शब्दों से अभिव्यक्त न किया जा सके ।
- मैक्स मूलर सा: जर्मनी क़े विद्वान भारत आ कर ३ ० वर्ष रह कर संस्कृत सीखते हैं और यहाँ से संस्कृत की मूल पांडू लिपियें ले कर चले जाते हैं और जर्मनी में उसके आधार पर रिसर्च होती है तथा वह पश्चिम का विज्ञान कहलाती है.
- उसके कारण क्या हैं? मैक्स मूलर के विचार इस बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य प्रदान करते हैं-उसके अनुसार बौध और जैन धर्म के कारण हुए ह्रास के बाद जब वैदिक धर्म का पुनर्जागरण हुआ तब हिंदू वैदिक (ब्राह्मण वादी व्यवस्था) ने कठोरता से अपने मत का अनुपालन करना शुरू किया।
- ' साम्यवाद' जिसे कम्यूनिज़्म कहा जाता है मूल रूप से भारतीय अवधारणा ही है जिसे मैक्स मूलर साहब अपने साथ यहाँ की मूल पांडु लिपियाँ लेकर जर्मनी पहुंचे और वहाँ उनके जर्मन अनुवाद से प्रभावित हो कर कार्ल मार्क्स ने जो निष्कर्ष निकाले वे ही कम्यूनिज़्म के नाम से जाने जाते हैं।
- ‘ साम्यवाद ' जिसे कम्यूनिज़्म कहा जाता है मूल रूप से भारतीय अवधारणा ही है जिसे मैक्स मूलर साहब अपने साथ यहाँ की मूल पांडु लिपियाँ लेकर जर्मनी पहुंचे और वहाँ उनके जर्मन अनुवाद से प्रभावित हो कर कार्ल मार्क्स ने जो निष्कर्ष निकाले वे ही कम्यूनिज़्म के नाम से जाने जाते हैं।
- वस्तुतः मैक्स मूलर सा: हमारे देश से जो संस्कृत की मूल-पांडुलिपियाँ ले गए थे और उनके जर्मन अनुवाद में जिनका जिक्र था महर्षि कार्ल मार्क्स ने उनके गहन अध्ययन से जो निष्कर्ष निकाले थे उन्हें ' दास कैपिटल ' में लिपिबद्ध किया था और यही ग्रन्थ सम्पूर्ण विश्व में कम्यूनिज्म का आधिकारिक स्त्रोत है.
- लेनिन, टालस्टाय, ज्यां पाल सात्र, आइन्स्टीन, मैक्स मूलर, एनी वेसेंट और कार्ल मार्क्स जैसे महान दार्शनिक निरंतर भारत की जनता के पक्ष में ; दुनिया भर में अलख जगाते रहे. दुनिया के अनेक महान क्रांतिकारी लोग जो ' साम्राज्यवाद ' से नफरत करते थे उनका भारत की जनता से भाईचारा सर्वविदित है.
- माना जाता है की मैक्स मूलर ने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर सबसे अधिक शोध किया है, वे लिखते है “भारत के बंगाल प्रांत (अर्थात आज का पूर्ण बिहार, आधा उड़ीसा, पूर्ण पश्चिम बंगाल, आसाम एवं उसके ऊपर के सात प्रदेश) में ८० सहस्त्र (हज़ार) से अधिक गुरुकुल है जो की कई सहस्त्र वर्षों से निर्बाधित रूप से चल रहे है”।
- माना जाता है की मैक्स मूलर ने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर सबसे अधिक शोध किया है, वे लिखते है “ भारत के बंगाल प्रांत (अर्थात आज का पूर्ण बिहार, आधा उड़ीसा, पूर्ण पश्चिम बंगाल, आसाम एवं उसके ऊपर के सात प्रदेश) में ८ ० सहस्त्र (हज़ार) से अधिक गुरुकुल है जो की कई सहस्त्र वर्षों से निर्बाधित रूप से चल रहे है ” ।
- इस सम्बन्ध में सबसे सहज प्रश्न जो आता हैं कि वर्त्तमान में जगह-जगह दलित शोषण का जो विकृत रूप देखने को मिलता हैं ; उसके कारण क्या हैं? मैक्स मूलर के विचार इस बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य प्रदान करते हैं-उसके अनुसार बौध और जैन धर्म के कारण हुए ह्रास के बाद जब वैदिक धर्म का पुनर्जागरण हुआ तब हिंदू वैदिक (ब्राह्मण वादी व्यवस्था) ने कठोरता से अपने मत का अनुपालन करना शुरू किया।