मैनहन वाक्य
उच्चारण: [ mainhen ]
उदाहरण वाक्य
- बहुत बहुत आभार आपकी बहमूल्य टिप्पड़ियों के लिए, आप ने मैनहन विलेज ब्लाग पर अपना बहुमूल्य समय देकर उसे पढ़ा…वैसे आशीष जी महाभारत बचपन में ही पढ़ी थी और उसे फ़ाड़ भी दिया था अब फ़टे हुए पन्ने मेरे पास कही पड़े है चाहे तो आप को दे दूं बेहतरीन ड्रामा है जरूर पढिएगा..
- सन १९८२ के आस पास का मसला है, मैं अक्सर मैनहन के दक्खिन बहती नहर में नहाने जाता था, एक दिन एक अदभुत व्यक्तित्व वाला मनुष्य जिसने शरीर को केसरिया रंग के कपड़ों से ढ़्क रखा था, चला आ रहा था मेरी ओर, चूकि बचपन से अभिवादन करने का संस्कार मेरे भीतर पैबस्त किया
- 9451925997 हमारे गाँव का सिज़रा! उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश…परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
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- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश … परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश … परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- मैनहन (भारत), बात सन १ ९ ८ २-८ ३ की रही होगी, मुझे ढ़ग से याद नही, उस वक्त मेरी उम्र छह वर्ष की रही होगी, यही वह वक्त था जब वृक्षों को बचाने के लिये एक आन्दोलन खड़ा हो चुका था पूरे भारत वर्ष में और मैं उसका एक सिपाही हुआ करता था!
- आशीष जी, विकल्प जी एवं Gateway? ji, बहुत बहुत आभार आपकी बहमूल्य टिप्पड़ियों के लिए, आप ने मैनहन विलेज ब्लाग पर अपना बहुमूल्य समय देकर उसे पढ़ा … वैसे आशीष जी महाभारत बचपन में ही पढ़ी थी और उसे फ़ाड़ भी दिया था अब फ़टे हुए पन्ने मेरे पास कही पड़े है चाहे तो आप को दे दूं बेहतरीन ड्रामा है जरूर पढिएगा..
- भारत का कोई प्रधानमंत्री मैनहन तो नही आया पर गुलाम भारत के नेता पं ० जवाहर लाल नेहरू जरूर इस गांव के पास से होकर गुजरे लोगों से मिले यह बात मेरे बाबा जी पं ० महादेव प्रसाद मिश्र ने बताई थी तब पं ० जी यहां से गुजरने वाला गलियारा जिसका नाम अब राजा लोने सिंह मार्ग है या बोलचाल मे लखीमपुर-मैगलगंज रोड कहा जाता है।
- सन १ ९ ८ २ के आस पास का मसला है, मैं अक्सर मैनहन के दक्खिन बहती नहर में नहाने जाता था, एक दिन एक अदभुत व्यक्तित्व वाला मनुष्य जिसने शरीर को केसरिया रंग के कपड़ों से ढ़्क रखा था, चला आ रहा था मेरी ओर, चूकि बचपन से अभिवादन करने का संस्कार मेरे भीतर पैबस्त किया गया था सो मैं दौड़ा और उस महात्मा के चरण छुए उन्होनें कुछ आशीर्वचन कहे जो मुझे याद नही है अब।