रमेशचन्द्र शाह वाक्य
उच्चारण: [ remeshechender shaah ]
उदाहरण वाक्य
- इस सबके बावजूद जैसा कि हिन्दी के महत्वपूर्ण ललित निबंधकार रमेशचन्द्र शाह और अष्टभुजा शुक्ल ने अपने पत्र में मुझे कभी लिखा था कि ललित निबंध के आकाश में कुछ नये तारों को उगाने का समय हिन्दी में अब आ चुका है ।
- नामवर सिंह जैसे मूर्धन्यों के अलावा मलयज, विजयदेव नारायण साही, विष्णु खरे, मैनेजर पाण्डेय, नन्दकिशोर नवल, वागीश शुक्ल, रमेशचन्द्र शाह, कुँवर नारायण, पुरुषोत्तम अग्रवाल, कृष्ण कुमार, मदन सोनी आदि ने ऐसी आलोचना लिखी है ।
- रमेशचन्द्र शाह ने इन शब्दों के साथ हिन्दी-सेवी, साहित्यकार, पत्राकार एवं समाज सेवी श्री कैलाशचन्द्र पंत को उनके 74 वें जन्म दिवस पर भोपाल के मानस भवन में सम्पन्न आत्मीय सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए उनके दीर्घजीवी और यशस्वी होने की कामना की।
- वत्सल-निधि-न्यास के सम्पादक मंडल के सदस्य (स् व.) डॉ. कन्हैयालाल नन्दन, डॉ. रमेशचन्द्र शाह, डॉ. नन्दकिशोर आचार्य, श्री अशोक वाजपेयी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ, जिनके समय-समय पर दिए गये सुझावों से मैं लाभान्वित हुआ हूँ।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, मुक्तिबोध, निर्मल वर्मा, नामवर सिंह जैसे मूर्धन्यों के अलावा मलयज, विजयदेव नारायण साही, विष्णु खरे, मैनेजर पाण्डेय, नन्दकिशोर नवल, वागीश शुक्ल, रमेशचन्द्र शाह, कुँवर नारायण, पुरुषोत्तम अग्रवाल, कृष्ण कुमार, मदन सोनी आदि ने ऐसी आलोचना लिखी है ।
- ब्लॉगर्स की यह बैठक न केवल राज्य की अस्मिता वरन् राज्य की नागरिक पत्रकारिता और हिन्दी की श्रीवृद्धि की दिशा में किये जा रहे तकनीकी प्रयासों को भी रेखांकित करेगी, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ... निबंध ‘लिरिक' के समीप और समतुल्य भी हो सकती है-पद्मश्री रमेशचन्द्र शाह पद्मश्री रमेश चन्द्र शाह आधुनिक कविता, विचार और आलोचना के जाने-माने हस्ताक्षर हैं ।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, मुक्तिबोध, निर्मल वर्मा, नामवर सिंह जैसे मूर्धन्यों के अलावा मलयज, विजयदेव नारायण साही, विष्णु खरे, मैनेजर पाण्डेय, नन्दकिशोर नवल, वागीश शुक्ल, रमेशचन्द्र शाह, कुँवर नारायण, पुरुषोत्तम अग्रवाल, कृष्ण कुमार, मदन सोनी आदि ने ऐसी आलोचना लिखी है ।
- अब तक इस पत्रिका में अशोक वाजपेयी, पणिक्कर, त्रिलोचन, शरद जोशी, गिरिराज किशोर, राजेन्द्र यादव, बादल सरकार, अमरकान्त, रज़ा, सुनीता जैन, रमेशचन्द्र शाह, कुमार गंधर्व, मन्नू भण्डारी, कृष्ण बलदेव वैद, ब.व. कारंत, हकु शाह, राजी सेठ, धनंजय वर्मा, सिद्धेश्वर सेन, अमृतलाल वेगड़, गोविन्द मिश्र, दिनेश ठाकुर, विजय तेन्दुलकर, चित्रा मुद्गल एवं हबीब तनवीर पर एकाग्र अंक प्रकाशित किये हैं।
- इस निबाह में हजारी प्रसाद द्विवेदी, पं. विद्यानिवास मिश्र, कुबेरनाथ राय, विवेकी राय, रामवृक्ष बेनीपुरी, अज्ञेय, श्रीकृष्णबिहारी मिश्र, कन्हैयालाल मिश्र ‘ प्रभाकर ', धर्मवीर भारती, श्री रमेशचन्द्र शाह, डॉ. रामदरश मिश्र डॉ. युगेश्वर के बाद की परम्परा में डॉ. श्रीराम परिहार, श्री श्यामसुंदर दुबे, अष्टभुजा शुक्ल, महेश अनघ, कन्हैयालाल नंदन, श्रीकृष्णकुमार त्रिवेदी, नर्मदा प्रसाद उपाध्याय के साथ-साथ अपने छत्तीसगढ़ से शोभाकांत की उपस्थिति भी देखी जा सकती है ।
- उपर्युक्त रचनाकारों के अतिरिक्त जगदीश तोमर, देवेन्द्र दीपक, परशुराम शुक्ल, अभिनव तैलंग, वीरेन्द्र मिश्र, अंशु शुक्ला, अशोक आनंद, अहद प्रकाश, गफूर स्नेही, भीष्मसिंह चौहान, गोवर्धन शर्मा, नयन कुमार राठी, ललित कुमार उपाध्याय, आशा शर्मा, नरेन्द्रनाथ लाहा, बटूक चतुर्वेदी, रमेशचन्द्र शाह, राम वल्लभ आचार्य, लक्ष्मीनारायण पयोधि, उषा जायसवाल, पदमा चौगांवकर आदि ने भी बाल काव्य की समृध्दि में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है, किन्तु सभी की बाल कविताओं के उध्दरण देना सम्भव नहीं प्रतीत होता।