रुक जाना नहीं वाक्य
उच्चारण: [ ruk jaanaa nhin ]
उदाहरण वाक्य
- स्टार प्लस पर 19 दिसंबर से शाम 6. 30 बजे प्रासारित होने जा रहा धारावाहिक ‘ रुक जाना नहीं ' सांची की कहानी बयान करता है जो देश में उसकी उम्र की महिलाओं द्वारा झेली जा रही असल दुनिया की परेशानियों और किसी भी आम महिला की कहानी है।
- संयोग से ऐसे बने कई गीत ‘ रुक जाना नहीं तू कहीं हार के ', ‘ ये जो चिलमन है दुश्मन है हमारी ', ‘ न तू जमीं के लिए है न आसमां के लिए ', ‘ फिरकी वाली तू कल फिर आना ' आदि जबर्दस्त हिट हुए।
- किशोर कुमार रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही सूरज देख रुक गया है तेरे आगे झुक गया है जब कभी ऐसे कोई मस्ताना निकले है अपनी धुन में दीवाना शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के ओ राही, ओ राही...
- मुंबई में: मनोज ने २ ० १ ० से २ ० १ २ के बीच में काफी सारे कार्यक्रम में सफल योगदान दिए हैं | उनमें से कुछ चुनिन्दा नाम हैं ; क्राइम पेट्रोल, अखियों के झरोखों से, रुक जाना नहीं, हम हैं बजरंगी, लापता गंज, डिटेक्टिव देव, आदि |
- क्योंकि हमने अपना सारा जीवन निकाल दिया थोड़ा और थोड़ा और के चक्कर में! (रुक जाना नहीं तू कहीं हार के) (एक छोटी सी बात)संजय कुमार चौरसियाबचपन से लेकर आज तक जीवन के हर पहलु को बहुत करीब से देखा है मैंने! आज भी लगा हुआ हूँ “ जीवन की आपाधापी ” में
- रैशल शैली (लगान), एंटोनिया बर्नेथ (किसना), इलेना हेमैन (रोग) एलिस पैटन (रंग दे बसंती), तानिया जाएटा (बंटी और बब्ली, सलाम नमस्ते) और एली लार्टर (मारीगोल्ड) के विपरीत अब जो विदेशी बालाएं भारतीय सिनेमा का रुख कर रही हैं, वे बस एक फिल्म करके रुक जाना नहीं चाहतीं.
- जिस तरह से कोई कलश समर्थ नहीं होता कि वो समुन्दर को नाप सके, उसी तरह से ये शब्द भी समर्थ नहीं हैं कि वो पूरी तरह से दिल की भावनाओं को व्यक्त कर सकें ; और समर्थ हो भी क्यों …? जिस दिन ये समर्थ हो गये क्या उस दिन कलम रुक नहीं जाएगी और कलम का रुक जाना क्या मेरे लिए धड़कन का रुक जाना नहीं होगा …?
- वक्ताओं व देश भर से आए प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए दो दिनों के कार्यक्रम के अंत में अध्ययन की सूत्रधार डॉ. जया मेहता ने कहा कि ये अध्ययन हालाँकि शोध की सारी बारीकियों का ध्यान रखते हुए विज्ञान सम्मत तरह से किया गया है लेकिन इसका मकसद सिर्फ़ सामांत किसानों की समस्याओं के शोध तक रुक जाना नहीं है बल्कि खेती के क्षेत्र में लगी हुई विशाल आबादी के ग़रीब व साधनहीन तबके़ के भीतर मौजूद बदलाव की ताक़त का अंदाजा लगाना है।