लाल बहादुर सिंह वाक्य
उच्चारण: [ laal bhaadur sinh ]
उदाहरण वाक्य
- इस मौके पर सतीश चंद गर्ग, महा सिंह सैनी, जगत नारायण मित्तल, मूलचंद गुप्ता, लाल बहादुर सिंह, अनिल मोघा, वेद प्रकाश गुप्ता, ओमप्रकाश कर्दम, इन्द्रराज सिंह, गौतम देव, एसएन शर्मा, राजेश गुप्ता, राकेश गुप्ता समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
- थाने में उस वक्त मात्र एक बन्दूक थी, उसे श्री गजाधर “ ार्मा को सौंप कर थानेदार श्री छविनाथ सिंह ने सिर पर गांधी टोपी लगाया और हाथ में तिरंगा लिए भीड़ के आगे-आगे तहसील कार्यालय पहुंचे, प्रभारी तहसीलदार श्री राजेन्द्र्र सिंह, नायब तहसीलदार श्री लाल बहादुर सिंह ने जब यह नजारा देखा तो हतप्रभ हो गए।
- जन संघर्ष मोचा के लाल बहादुर सिंह जी, जो 7 जनवरी को लखनऊ में हुयी लोक राजनीति मंच की बैठक में भाग ले रहे थे, ने कहा कि हर तरह के अपराध, भ्रष्टाचार और अपराध को इस मजबूरी के नाम पर उचित समझाया गया है कि जनता बहुमत नहीं बना रही है और इसीलिए तमाम तरह के समझौते करे जा रहे हैं.
- आॅॅल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के नेता और इलाहाबाद विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने कहा कि बाबरी विध्वंस के बाद फैजाबाद में दंगा नहीं हुआ लेकिन मुसलमानों की हमदर्द बनने वाली सपा सरकार के शासन में दंगा हो गया जो सपा के सांप्रदायिक मंसूबे को दिखाता है जो भाजपा की मिलीभगत के साथ यूपी को गुजरात बनाने पर तुले हैं।
- आॅॅल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के नेता और इलाहाबाद विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने कहा कि बाबरी विध्वंस के बाद फैजाबाद में दंगा नहीं हुआ लेकिन मुसलमानों की हमदर्द बनने वाली सपा सरकार के शासन में दंगा हो गया जो सपा के सांप्रदायिक मंसूबे को दिखाता है जो भाजपा की मिलीभगत के साथ यूपी को गुजरात बनाने पर तुले हैं।
- जन संघर्ष मोचा के लाल बहादुर सिंह जी, जो 7 जनवरी को लखनऊ में हुयी लोक राजनीति मंच की बैठक में भाग ले रहे थे, ने कहा कि हर तरह के अपराध, भ्रष्टाचार और अपराध को इस मजबूरी के नाम पर उचित समझाया गया है कि जनता बहुमत नहीं बना रही है और इसीलिए तमाम तरह के समझौते करे जा रहे हैं.
- प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी मदनी, सीपीएम राज्य समिति सदस्य का 0 राधेश्याम वर्मा, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय महामन्त्री ओंकार सिंह, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व पूर्व मन्त्री का 0 कौशल किशोर, आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी व प्रदेश संयोजक मोहम्मद शोएब, लाल बहादुर सिंह ने इस जन अधिकार अभियान और उपवास के 18 सूत्री एजेण्ड़ा को जारी किया।
- सन २००० की कृषि नीति में यह लिखा हुआ है कि जमीन खाद आदि के लिये पैसा चाहिए, पैसा किसान के पास है नहीं, पैसा सरकार ‘कारपोरेट' या उद्योग की राजनीति के खिलाफ जन-पक्षधर राजनीति जरूरी जन संघर्ष मोचा के लाल बहादुर सिंह जी, जो 7 जनवरी को लखनऊ में हुयी लोक राजनीति मंच की बैठक में भाग ले रहे थे, ने कहा कि हर तरह के अपराध, भ्रष्टाचार और अपराध को इस मजबूरी के नाम पर उचित समझाया गया है कि जनता बहुमत नहीं बना रही है और इसीलिए तमाम तरह के समझौते करे जा रहे हैं.