लोकायत दर्शन वाक्य
उच्चारण: [ lokaayet dershen ]
उदाहरण वाक्य
- २) ऐसा भी हो सकता है कि लोकायत दर्शन 'पूर्ण रूप' नहीं ले पाया हो और आधा-अधूरा रूप में ही मृत्यु को प्राप्त कर गया हो।
- २) ऐसा भी हो सकता है कि लोकायत दर्शन ' पूर्ण रूप ' नहीं ले पाया हो और आधा-अधूरा रूप में ही मृत्यु को प्राप्त कर गया हो।
- बल्कि बैंथम से हजारों साल पहले भारत में यह परंपरा चार्वाक या लोकायत दर्शन के नाम से प्रसिद्ध थी, और जनमानस में उसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार था.
- इनमें चार्वाक दर्शन जिसे लोकप्रिय होने के कारण सामान्यतः लोकायत दर्शन भी कहा जाता है, विश्व-संरचना के मूल में किसी भी प्रकार की अध्यात्म व्यवस्था के योगदान का निषेध करता है.
- वैसे शास्त्रीय परम्परा में इसका नाम लोकायत दर्शन है जिसका अर्थ है कि यह दर्शन अन्य दर्शनों के समान परलोक पर ज्यादा ध्यान देने के बजाए इस लोक पर ही ज्यादा आयत यानी आश्रित है।
- लोकायत दर्शन यह भी नहीं मानता था कि सभी घटनाओं और व्यापारों के लिए बस एक ही प्राथमिक कारण (ईश्वर) नहीं है बल्कि हर पदार्थ पांच मूल भूतों (तत्व) से बना है.
- ♥♥♥ भारतीय दर्शन-चार्वाक या लोकायत दर्शन? मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांत के तहत लिखी जा रही लेखमाला की चौथी किस्त के रूप में यह आलेख जो युवा संवाद पत्रिका के ताजा अंक में छपा है ।
- (2) जो लोग परलोक और मृत्युपश्चात् जीवन में विश्वास नहीं करते ; इस परिभाषा के अनुसार केवल चार्वाक दर्शन जिसे लोकायत दर्शन भी कहते हैं, भारत में नास्तिक दर्शन कहलाता है और उसके अनुयायी नास्तिक कहलाते हैं।
- ‘ दक्षिणरंजन शास् त्री ने कहा है, ' लोकायत दर्शन के अनुयायियों ने जब सुसभ्य तथा सामान्य लोगों के हृदयों में घर बना लिया, तो इन सबने मिलकर अपनी तात्कालिक खुशहाली के लिए इस जगत में ही प्रयास करना शुरू किया।
- इन सभी स्रोतों में भी, जिनमें लोकायत दर्शन की खिल्ली उड़ाने की ही कोशिश की गयी है, लोकायत के उन विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है जिसके सहारे हम अपने सबसे पुराने भौतिकवादी दार्शनिकों के बारे में जान पाते हैं.